तुलसी गबार्ड का बड़ा खुलासा: ओबामा प्रशासन पर ट्रंप के खिलाफ साजिश का आरोप

तुलसी गबार्ड का ओबामा पर आरोप
तुलसी गबार्ड का बयान: अमेरिका की खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड ने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में रूस के हस्तक्षेप का बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा का भी हाथ था। गबार्ड ने कुछ गोपनीय दस्तावेजों को सार्वजनिक करते हुए दावा किया कि ओबामा प्रशासन ने राजनीतिक लाभ के लिए यह कहानी गढ़ी ताकि डोनाल्ड ट्रंप की जीत को कमजोर किया जा सके।
ट्रंप के खिलाफ फैलाए गए झूठ
गबार्ड का आरोप
गबार्ड ने कहा कि उस समय की खुफिया रिपोर्टों में यह स्पष्ट था कि रूस की साइबर गतिविधियाँ चुनाव परिणामों को प्रभावित करने में असफल रहीं। फिर भी, ओबामा, पूर्व सीआईए निदेशक जॉन ब्रेनन, और पूर्व एफबीआई प्रमुख जेम्स कॉमी ने जानबूझकर झूठी जानकारी फैलाकर ट्रंप के खिलाफ साजिश की।
गोपनीय दस्तावेजों का खुलासा
क्या सामने आया?
गबार्ड द्वारा जारी किए गए गोपनीय दस्तावेज़ों के अनुसार, दिसंबर 2016 में एक खुफिया रिपोर्ट में कहा गया था कि विदेशी ताकतों ने अमेरिकी चुनाव प्रणाली पर साइबर हमले किए, लेकिन वे परिणामों को बदलने के लिए पर्याप्त नहीं थे। इसके बावजूद, जनवरी 2017 में एक नई रिपोर्ट में यह दावा किया गया कि रूस ने ट्रंप को लाभ पहुँचाने की कोशिश की।
गबार्ड ने इन दस्तावेजों को न्याय विभाग को सौंपा है ताकि ट्रंप और उनके परिवार को न्याय मिल सके। उन्होंने ओबामा प्रशासन के अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक जांच की मांग की है।
ट्रंप की प्रतिक्रिया
डेमोक्रेसी पर हमला
राष्ट्रपति ट्रंप ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जॉन ब्रेनन और जेम्स कॉमी बेईमान और भ्रष्ट हैं। उन्होंने कहा कि इन लोगों को इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है। ट्रंप ने यह भी कहा कि उनके खिलाफ साजिश एक सुनियोजित झूठ थी और अब यह साबित हो गया है कि उन्हें सत्ता से हटाने के लिए एक गहरी साजिश रची गई थी।
गबार्ड ने इन खुलासों को अमेरिका के लोकतांत्रिक ढांचे पर हमला बताया और कहा कि यह संविधान और देश की आत्मा के खिलाफ एक साजिश है। उन्होंने सभी शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की ताकि जनता का लोकतंत्र में विश्वास बहाल हो सके।