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बिहार चुनाव में SIR का विरोध: मानसून सत्र में विपक्ष की तैयारी

बिहार चुनाव में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का मुद्दा विपक्ष के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन गया है। 21 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र में, विपक्ष ने सरकार को घेरने के लिए कई मुद्दों पर तैयारी की है। आरजेडी, सपा और कांग्रेस ने मिलकर SIR का विरोध किया है, जिसमें करोड़ों मतदाताओं के अधिकारों की रक्षा की बात की जा रही है। जानें इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक में क्या चर्चा हुई और क्यों SIR को लेकर इतना विरोध हो रहा है।
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बिहार चुनाव में SIR का विरोध: मानसून सत्र में विपक्ष की तैयारी

मानसून सत्र की शुरुआत

मानसून सत्र: 21 जुलाई से भारत की संसद में मानसून सत्र का आयोजन होने जा रहा है। इस दौरान विपक्ष विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की योजना बना रहा है, जबकि सरकार इन मुद्दों के जवाब देने की तैयारी कर रही है। रविवार को एक सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें विपक्ष ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया। इनमें पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर में ट्रंप की मध्यस्थता, अहमदाबाद विमान दुर्घटना रिपोर्ट, मणिपुर वस्तु और सेवा कर संशोधन बिल, और दिल्ली में झुग्गियों का तोड़ना शामिल हैं। लेकिन बिहार चुनाव से पहले मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) सबसे बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है, जिसका सभी विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं।


आरजेडी, सपा और कांग्रेस का एकजुट विरोध

बिहार चुनाव में बदलाव लाने के लिए महागठबंधन ने जोरदार प्रयास किए हैं। आरजेडी और कांग्रेस इस चुनाव में मुख्य विपक्षी दल हैं, जो सीधे चुनाव में भाग लेंगी। सपा भी आरजेडी का समर्थन कर रही है। इस प्रकार, तीनों दल SIR का विरोध कर रहे हैं। हाल ही में, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे पर प्रदर्शन किया, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी शामिल हुए। सपा ने भी कई बार SIR पर सवाल उठाए हैं।


सर्वदलीय बैठक में SIR का मुद्दा

मानसून सत्र से पहले रविवार को दिल्ली में सर्वदलीय बैठक हुई। इस बैठक में सपा सांसद रामगोपाल यादव, आप सांसद संजय सिंह, और कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने SIR के खिलाफ अपनी सहमति व्यक्त की। रामगोपाल यादव ने कहा कि बिहार में करोड़ों लोगों को मतदान के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। संजय सिंह ने यह भी कहा कि यदि SIR अभियान पर रोक नहीं लगी, तो बिहार चुनाव का कोई मतलब नहीं है।


SIR का विरोध क्यों?

बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) अभियान चला रहा है। इस प्रक्रिया में वैध मतदाताओं को छांटने के लिए एक फॉर्म भरवाया जा रहा है, और 11 दस्तावेजों की सूची जारी की गई है। इनमें से कोई एक दस्तावेज देना आवश्यक है, लेकिन आधार कार्ड और पुरानी वोटर आईडी को मान्यता नहीं दी गई है। इसी कारण विपक्ष लगातार SIR का विरोध कर रहा है।