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बिहार चुनाव में ओवैसी का प्रभाव: एनडीए को मिल रहा है लाभ

बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की स्थिति मजबूत होती दिख रही है, खासकर सीमांचल क्षेत्र में। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी, AIMIM, ने मुस्लिम वोटों को विभाजित कर दिया है, जिससे एनडीए को लाभ मिल रहा है। ओवैसी के प्रभावी चुनाव प्रचार ने मुस्लिम मतदाताओं को आकर्षित किया है, जिससे एनडीए के उम्मीदवारों को बढ़त मिल रही है। जानें इस चुनावी स्थिति के बारे में और कैसे ओवैसी का प्रभाव एनडीए के लिए वरदान साबित हो रहा है।
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बिहार चुनाव में ओवैसी का प्रभाव: एनडीए को मिल रहा है लाभ

बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की स्थिति

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की स्थिति मजबूत नजर आ रही है, विशेषकर सीमांचल क्षेत्र में जहां बीजेपी और जेडीयू को महत्वपूर्ण लाभ मिल रहा है.


ओवैसी की पार्टी का योगदान

इस सफलता का श्रेय असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) को दिया जा रहा है। पहले सीमांचल को एनडीए के लिए कमजोर क्षेत्र माना जाता था, लेकिन अब ओवैसी की पार्टी के प्रभावी वोटों से एनडीए को फायदा हो रहा है.


सीमांचल में ओवैसी का प्रभाव

सीमांचल मुस्लिम बहुल क्षेत्र है, जिसमें किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार जिले शामिल हैं। इन जिलों में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 30 से 65 प्रतिशत तक है। पहले महागठबंधन (राजद, कांग्रेस और अन्य) का यहां मजबूत प्रभाव था.


हालांकि, ओवैसी ने मुस्लिम वोटों को विभाजित कर दिया है। उन्होंने प्रचार में कहा कि महागठबंधन की पार्टियां मुस्लिमों का केवल उपयोग करती हैं। मतदाताओं ने उनकी बात को सुना और राजद-कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया.


ओवैसी का चुनाव प्रचार

ओवैसी ने सीमांचल में जोरदार चुनाव प्रचार किया। उन्होंने मुस्लिम समुदाय को विश्वास दिलाया कि उनकी पार्टी ही असली हितैषी है। प्रारंभिक रुझानों से यह स्पष्ट हो रहा है कि मुस्लिम वोटरों ने एआईएमआईएम को समर्थन दिया, जिससे एनडीए को सीधा लाभ हुआ.


चुनावी आंकड़े और सीटें

सीमांचल में कुल 24 विधानसभा सीटें हैं। खबर लिखे जाने तक एनडीए को इनमें से लगभग 20 सीटों पर बढ़त मिल रही है। पार्टी के अनुसार, महागठबंधन- कांग्रेस 12 सीटों पर, राजद 9 सीटों पर, वीआईपी 2 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। एनडीए- बीजेपी 11 सीटों पर, जेडीयू 10 सीटों पर, चिराग पासवान की एलजेपी 3 सीटों पर और एआईएमआईएम 15 सीटों पर चुनाव में शामिल है.


2020 के चुनाव में एआईएमआईएम

एआईएमआईएम ने 2020 में 5 सीटें जीती थीं, लेकिन बाद में उनके विधायक राजद में चले गए थे। इस बार ओवैसी की रणनीति से वोट बंटवारे का फायदा एनडीए को मिल रहा है.


एनडीए को मिल रहा लाभ

ओवैसी की एंट्री से महागठबंधन के वोट कट रहे हैं। मुस्लिम मतदाता दो हिस्सों में बंट गए हैं: एक हिस्सा एआईएमआईएम को और दूसरा महागठबंधन को। इससे एनडीए के उम्मीदवार आसानी से आगे बढ़ रहे हैं। सीमांचल में एनडीए की यह लहर पूरे बिहार चुनाव पर प्रभाव डाल रही है.


ओवैसी ने अनजाने में बीजेपी को मजबूत बना दिया है। बिहार चुनाव के परिणाम अभी आने बाकी हैं, लेकिन सीमांचल की तस्वीर स्पष्ट है कि ओवैसी का प्रभाव एनडीए के लिए वरदान साबित हो रहा है.