बिहार चुनावों में पीएम मोदी का महागठबंधन पर हमला: क्या है तेजस्वी यादव का असली चेहरा?
प्रधानमंत्री मोदी का आरा में भाषण
आरा : बिहार विधानसभा चुनावों की तैयारी के बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को आरा में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए महागठबंधन (राजद-कांग्रेस) पर तीखा हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि इस गठबंधन में गंभीर अंतर्कलह चल रही है और राजद ने कांग्रेस को 'बंदूक की नोक पर' तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाने के लिए मजबूर किया।
“कांग्रेस ने मजबूरी में माना तेजस्वी का नाम”
मोदी ने कहा कि कांग्रेस वास्तव में तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं बनाना चाहती थी, लेकिन राजद के दबाव में उन्हें यह निर्णय लेना पड़ा। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, “राजद ने कांग्रेस के कान पर कट्टा रखकर मुख्यमंत्री की कुर्सी छीन ली।” मोदी ने यह भी कहा कि चुनाव से पहले ही दोनों दलों के बीच अविश्वास और नफरत की गहरी खाई है, और चुनाव के बाद ये एक-दूसरे के खिलाफ हो जाएंगे।
“महागठबंधन के भीतर पहले से कलह”
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और राजद के बीच पहले से ही मतभेद हैं। कांग्रेस की कई मांगों को गठबंधन के घोषणापत्र में शामिल नहीं किया गया। उन्होंने जनता से अपील की कि वे ऐसे दलों से सावधान रहें जो आपसी झगड़ों में उलझे हुए हैं और बिहार की पहचान को नष्ट करने पर तुले हैं।
“ऑपरेशन सिंदूर” से PAK और कांग्रेस दोनों हिल गए
मोदी ने अपने भाषण में कहा कि जब पाकिस्तान में धमाके हो रहे थे, तब कांग्रेस के 'शाही परिवार' की नींद उड़ गई थी। उन्होंने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' से पाकिस्तान और कांग्रेस दोनों अब तक उबर नहीं पाए हैं।
राजद पर धर्म का अपमान करने का आरोप
पीएम मोदी ने राजद पर हिंदू आस्थाओं का अपमान करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राजद नेताओं ने प्रयागराज के महाकुंभ को 'फालतू' कहा और छठ पूजा को 'ड्रामा' बताया। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता इस तरह के अपमान को कभी माफ नहीं करेगी।
मोदी ने कहा, “जो हमारी आस्था का अपमान करता है, उसे सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि कोई दोबारा छठ महापर्व या कुंभ जैसे पवित्र आयोजनों का अपमान करने की हिम्मत न करे।” उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के संसाधनों पर पहला हक बिहार के लोगों का होना चाहिए, न कि घुसपैठियों का।
लालू यादव का बयान और विवाद
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने हाल ही में महाकुंभ को 'बेकार' और 'बेमानी' कहा था। इस पर मोदी ने पलटवार करते हुए कहा कि यह सिर्फ कुंभ का नहीं, बल्कि करोड़ों हिंदुओं की भावना का अपमान है। उन्होंने कहा कि यह बयान बिहार की संस्कृति और परंपरा के प्रति राजद की असंवेदनशीलता को दर्शाता है।
“राजद लाया जंगलराज, कांग्रेस की पहचान सिख नरसंहार”
मोदी ने कांग्रेस पर भी तीखा प्रहार किया। उन्होंने 1984 के सिख दंगों का ज़िक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस के शासन में निर्दोष सिखों का कत्लेआम हुआ और आज भी उस नरसंहार के दोषियों को कांग्रेस सम्मानित करती है। उन्होंने कहा, “1 और 2 नवंबर 1984 को कांग्रेस के लोगों ने दिल्ली और देश के कई हिस्सों में सिखों की हत्या की थी। आज भी कांग्रेस उन्हें पद और सम्मान दे रही है। यह शर्मनाक है।”
“बिहार को सतर्क रहना होगा”
अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बिहार की जनता को यह समझना होगा कि जो दल पहले भी राज्य को अराजकता और भ्रष्टाचार में झोंक चुके हैं, वे अब फिर उसी राह पर ले जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि महागठबंधन के नेता न बिहार की पहचान बचा सकते हैं और न ही जनता की आस्था का सम्मान कर सकते हैं।
पीएम मोदी का यह भाषण बिहार चुनावी माहौल में एक बड़ा राजनीतिक संदेश लेकर आया। उन्होंने महागठबंधन को 'विरोधाभासों का गठजोड़' बताया और जनता से आग्रह किया कि वे ऐसे दलों से दूर रहें जो न बिहार की संस्कृति का सम्मान करते हैं और न उसकी स्थिरता का। उनके भाषण में आस्था, राष्ट्रवाद और राजनीतिक जवाबदेही का मिश्रण साफ झलका – ठीक उसी अंदाज़ में जिससे वह जनता से सीधा संवाद स्थापित करते हैं।
