Newzfatafatlogo

बिहार विधानसभा चुनाव 2025: NDA की अप्रत्याशित बढ़त से महागठबंधन को झटका

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के प्रारंभिक परिणामों ने राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव ला दिया है। NDA ने मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में अप्रत्याशित बढ़त हासिल की है, जबकि महागठबंधन अपने वोटों को सीटों में बदलने में असफल रहा है। JDU और LJP(RV) ने अच्छा प्रदर्शन किया है, जबकि RJD और कांग्रेस पिछड़ते नजर आ रहे हैं। जानें इस चुनाव के नतीजों का क्या असर होगा और क्या महागठबंधन अपनी स्थिति को सुधार पाएगा।
 | 
बिहार विधानसभा चुनाव 2025: NDA की अप्रत्याशित बढ़त से महागठबंधन को झटका

बिहार चुनाव के शुरुआती नतीजे

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के प्रारंभिक परिणामों ने राज्य की राजनीतिक स्थिति में महत्वपूर्ण बदलाव ला दिया है। जहां यह उम्मीद की जा रही थी कि महागठबंधन बेरोजगारी और नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दों पर मजबूती से वापसी करेगा, वहीं शुरुआती रुझानों ने दिखाया है कि मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में भी NDA ने अप्रत्याशित बढ़त हासिल की है।


NDA की बढ़त मुस्लिम बहुल सीटों पर

शुक्रवार सुबह आए रुझानों से स्पष्ट हुआ है कि मुस्लिम आबादी वाले कई क्षेत्रों में NDA को बढ़त मिल रही है। प्रारंभिक गिनती के अनुसार, कम से कम 16 सीटों पर NDA आगे चल रहा है। इनमें सबसे अधिक लाभ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी JDU को मिल रहा है, जो 2020 की तुलना में लगभग आठ सीटें अधिक जीतने की स्थिति में है। यह बदलाव कई राजनीतिक विश्लेषकों के लिए आश्चर्यजनक है।


LJP(RV) का उभार

चिराग पासवान की पार्टी LJP (RV) ने भी इस बार अप्रत्याशित प्रदर्शन किया है। प्रारंभिक रुझानों में पार्टी छह मुस्लिम बहुल सीटों पर आगे चल रही है, जहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अधिक है। यह दर्शाता है कि युवा नेतृत्व और स्थानीय मुद्दों के आधार पर पार्टी ने इन क्षेत्रों में अपनी पकड़ बनाई है। LJP(RV) का यह उभार NDA के समग्र प्रदर्शन को और मजबूत करता दिख रहा है।


महागठबंधन का वोट बैंक नहीं हुआ कन्वर्ट

रुझानों से यह भी स्पष्ट है कि महागठबंधन मुस्लिम वोटों को सीटों में बदलने में असफल रहा है। 2020 में RJD ने 18 मुस्लिम बहुल सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार वह कम से कम सात सीटों पर पीछे है। कांग्रेस भी अपने पहले जीते चार क्षेत्रों में पिछड़ रही है। रोजगार और नए चेहरों के वादों के बावजूद, नतीजे उनके पक्ष में नहीं जा रहे हैं। इसके विपरीत, NDA ने पूरे राज्य में बढ़त बनाए रखी है।


जन सुराज का प्रभाव सीमित

प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी को लेकर जो उत्सुकता थी, शुरुआती रुझानों में उसका प्रभाव दिखाई नहीं दिया। पार्टी न केवल सीटों में पिछड़ रही है, बल्कि जहां उसका वोट शेयर दिख रहा है, वह भी बहुत कम है। इससे यह स्पष्ट होता है कि त्रिकोणीय मुकाबले की चर्चा केवल बातों तक सीमित रही और जन सुराज ने नतीजों पर कोई खास प्रभाव नहीं डाला।


मतगणना की कड़ी निगरानी

सभी 243 सीटों की मतगणना कड़ी सुरक्षा में हो रही है। 243 रिटर्निंग ऑफिसर्स और उतने ही काउंटिंग ऑब्जर्वर निगरानी कर रहे हैं। 18,000 से अधिक एजेंट मतगणना केंद्रों पर मौजूद हैं। मोबाइल ले जाना पूरी तरह प्रतिबंधित है। इस बार 7 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को मतदान किया था। शुरुआती रुझानों में NDA स्पष्ट बढ़त पर है, जबकि महागठबंधन पीछे दिख रहा है।