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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: जन सुराज पार्टी की हार और एनडीए की जीत

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणामों में जन सुराज पार्टी की हार और एनडीए की जीत ने सभी को चौंका दिया। प्रारंभिक बढ़त के बावजूद, जन सुराज पार्टी ने चुनाव में कोई खास प्रदर्शन नहीं किया। प्रशांत किशोर के दावे ध्वस्त हो गए हैं, और एनडीए ने बहुमत हासिल कर लिया है। जानें इस चुनाव में क्या हुआ और बिहार की जनता ने किसे चुना।
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: जन सुराज पार्टी की हार और एनडीए की जीत

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणाम

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणामों की घोषणा शुरू हो गई है। मतगणना के प्रारंभिक चरण में यह चर्चा हुई कि प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर रही है, लेकिन जैसे-जैसे वोटों की गिनती आगे बढ़ी, वास्तविकता स्पष्ट हो गई।


जन सुराज पार्टी काफी पीछे रह गई और प्रशांत किशोर का दावा ध्वस्त हो गया। शुक्रवार की सुबह मतगणना शुरू होते ही जन सुराज पार्टी को दो सीटों पर बढ़त मिली, जबकि पार्टी ने कुल 243 में से 238 सीटों पर चुनाव लड़ा था।


प्रारंभिक बढ़त और बाद की हार

शुरुआत में ऐसा लग रहा था कि नई पार्टी कुछ खास कर सकती है, लेकिन यह बढ़त अधिक समय तक नहीं टिक सकी। सुबह 10 बजे तक एनडीए गठबंधन ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया। इसके थोड़ी देर बाद ही एनडीए ने 150 सीटों का आंकड़ा भी पार कर लिया।


भाजपा और नीतीश कुमार की जदयू के नेतृत्व वाला गठबंधन पूरी तरह से हावी हो गया। छोटे सहयोगी जैसे चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी भी मजबूत स्थिति में दिखी।


एग्जिट पोल की भविष्यवाणी

एग्जिट पोल में भी जन सुराज का बुरा हाल


एग्जिट पोल ने पहले ही जन सुराज को असफल बताया था। कई पोल तो पार्टी को जीरो सीटें देने की भविष्यवाणी कर रहे थे। प्रशांत किशोर ने खुद कहा था कि या तो पार्टी शानदार प्रदर्शन करेगी या पूरी तरह हार जाएगी। अब परिणाम यह दर्शाते हैं कि हार ही हुई है।


वोट शेयर में निराशा

वोट शेयर का खेल


जन सुराज को वोट शेयर में भी निराशा का सामना करना पड़ा। एक एग्जिट पोल, पीपुल्स पल्स, ने कहा था कि पार्टी को लगभग 10 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं, जो कांग्रेस से अधिक होता। एनडीए को 46.2 प्रतिशत और विपक्षी महागठबंधन को 37.9 प्रतिशत वोट मिलने की संभावना जताई गई थी।


प्रशांत किशोर को चुनाव का 'एक्स फैक्टर' माना जा रहा था। उन्होंने पहले नीतीश कुमार के लिए 2015 में बिहार जीता, आंध्र में जगन मोहन रेड्डी के लिए 2019 में और पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के लिए 2021 में बड़ी जीत दिलाई।


जन सुराज की स्थिति

लगातार पीछे चल रही पार्टी


मतगणना के आगे बढ़ने के साथ जन सुराज की स्थिति और भी खराब होती गई। एनडीए की जीत सुनिश्चित हो गई और विपक्ष भी मजबूत नहीं दिखा। जन सुराज न तो सीटें जीत पाई और न ही वोट शेयर में कोई खास प्रदर्शन कर पाई।


यह नई पार्टी का पहला चुनाव था, लेकिन यह पूरी तरह से असफल साबित हुआ। प्रशांत किशोर के बड़े दावे अब हवा में उड़ गए हैं। बिहार की जनता ने एनडीए पर भरोसा जताया और जन सुराज को नकार दिया।