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बिहार विधानसभा चुनाव: एग्जिट पोल ने तेजस्वी यादव की पार्टी को दिया बड़ा झटका

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले एग्जिट पोल ने तेजस्वी यादव की पार्टी को बड़ा झटका दिया है। चाणक्या के सर्वे में NDA ने यादव समुदाय में महत्वपूर्ण सेंधमारी की है, जिससे राजद को नुकसान हो सकता है। मुस्लिम वोटों में भी बदलाव देखने को मिल रहा है। जानें इस चुनावी समीकरण के पीछे के आंकड़े और क्या है आगे की रणनीति।
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बिहार विधानसभा चुनाव: एग्जिट पोल ने तेजस्वी यादव की पार्टी को दिया बड़ा झटका

बिहार चुनाव के नतीजों से पहले एग्जिट पोल का असर

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों की घोषणा में कुछ ही घंटे बचे हैं, लेकिन एग्जिट पोल ने राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है। बुधवार को जारी टुडेज चाणक्या के सर्वेक्षण ने सभी को चौंका दिया है। सबसे बड़ा झटका तेजस्वी यादव की राजद को लगा है, क्योंकि उनके पारंपरिक वोट बैंक माने जाने वाले यादव समुदाय में इस बार NDA ने महत्वपूर्ण सेंधमारी की है।


यादव वोटों में NDA की ऐतिहासिक घुसपैठ: चाणक्या के आंकड़ों के अनुसार, बिहार के यादव मतदाताओं में से लगभग 23 प्रतिशत ने NDA गठबंधन को वोट दिया है, जबकि महागठबंधन (राजद-कांग्रेस-वाम) को केवल 67 प्रतिशत यादव वोट मिले हैं। (±3% का मार्जिन रखा गया है)। यह आंकड़ा चौंकाने वाला है क्योंकि पिछले तीन दशकों से यादव वोट लगभग एकतरफा लालू-तेजस्वी की झोली में गिरता रहा है।


23% यादवों का NDA की ओर खिसकना राजद के लिए एक बड़ा झटका है। मुस्लिम वोटों में भी हलचल: मुस्लिम वोट बैंक को लेकर भी पुराना समीकरण टूटता नजर आ रहा है। चाणक्या के सर्वे में NDA को 12 प्रतिशत मुस्लिम वोट मिलने का अनुमान है, जबकि महागठबंधन को 69 प्रतिशत। इसका मतलब है कि लगभग 20 प्रतिशत मुस्लिम वोटर या तो NOTA दबा रहे हैं या तीसरे विकल्प की ओर जा रहे हैं।


जातीय समीकरणों का पूरा ब्रेकअप: टुडेज चाणक्या ने अन्य जातियों के वोटिंग पैटर्न भी जारी किए हैं, जो NDA के लिए सकारात्मक संकेत हैं।


दलित (SC) वोट: NDA को 58%, महागठबंधन को 26%
अति पिछड़ा (EBC) और OBC: NDA को 55%, महागठबंधन को 24%
उच्च जाति (ब्राह्मण, राजपूत, बनिया): NDA को 63%, महागठबंधन को 19%


मोहन यादव को सौंपा कमान


यूपी, हरियाणा, और बिहार में यादव की जनसंख्या काफी अधिक है। आमतौर पर यूपी में यादव वोट बैंक का अधिकांश हिस्सा समाजवादी पार्टी और बिहार में लालू प्रसाद यादव की आरजेडी को जाता रहा है। भाजपा लंबे समय से इस वोट बैंक को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही है। इसी के चलते मध्य प्रदेश में भाजपा ने मोहन यादव को राज्य की कमान सौंपते हुए मुख्यमंत्री बनाया। इसके बाद से पार्टी ने उन्हें एमपी के अलावा यूपी और बिहार में भी सक्रिय रखा है। बिहार विधानसभा चुनाव में भी मोहन यादव ने कई रैलियां की थीं।