बिहार विधानसभा चुनाव: एनडीए की वापसी, कांग्रेस का प्रदर्शन कमजोर
बिहार विधानसभा चुनाव की वोटों की गिनती
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए वोटों की गिनती चल रही है। प्रारंभिक रुझानों के अनुसार, एनडीए की वापसी होती दिख रही है। नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए और तेजस्वी यादव के महागठबंधन के बीच मुकाबला काफी कड़ा है। इस बीच, कांग्रेस एक बार फिर कमजोर कड़ी साबित हो रही है।
वर्तमान गिनती के अनुसार, एनडीए 165 सीटों पर और महागठबंधन 72 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। इसके अलावा, प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज 3 सीटों पर आगे चल रही है। चिराग पासवान की पार्टी 17 सीटों पर बढ़त में है, जबकि असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम बलरामपुर की एक सीट पर आगे है।
कांग्रेस का प्रदर्शन इस बार भी निराशाजनक रहा है। पार्टी का स्ट्राइक रेट बहुत खराब है। राहुल गांधी ने बिहार में यात्रा निकाली और युवाओं में उत्साह भरने का प्रयास किया। वोटर अधिकार यात्रा में तेजस्वी यादव के साथ कई मुद्दों को उठाया गया, लेकिन परिणामों से स्पष्ट है कि कांग्रेस की यह यात्रा सफल नहीं रही।
कांग्रेस का ऐतिहासिक कमजोर प्रदर्शन
1995 के बाद से कांग्रेस की स्थिति
कांग्रेस का कमजोर प्रदर्शन कोई नई समस्या नहीं है, बल्कि यह बिहार की राजनीति में दशकों से चल रहा है। 1995 के विधानसभा चुनावों के बाद से, कांग्रेस ने कभी भी 30 से अधिक सीटें नहीं जीती हैं। 2005 में उसे केवल 9 सीटें मिली थीं और 2010 में यह संख्या घटकर 4 रह गई। 2020 में कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन केवल 19 सीटें ही जीत पाई। 27% के बेहद कम स्ट्राइक रेट के साथ, कांग्रेस का प्रदर्शन महागठबंधन के अन्य दलों में सबसे खराब रहा।
कांग्रेस का मुकाबला बीजेपी और जेडीयू से
कांग्रेस के उम्मीदवारों की स्थिति
इस बार कांग्रेस ने 61 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, जिनमें से 56 सीटें ऐसी हैं, जहां उसका सीधा मुकाबला बीजेपी और जेडीयू से था। बिहार में 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान हुआ था। इस चुनाव में 67.13 प्रतिशत मतदान हुआ, जो ऐतिहासिक है। कुल 7.45 करोड़ मतदाताओं ने 2,616 उम्मीदवारों के चुनावी भाग्य का फैसला करने के लिए वोट डाला।
