बीएमसी चुनाव से पहले भाजपा ने मुंबई इकाई में किया बड़ा बदलाव
भाजपा का नया महासचिव नियुक्ति
मुंबई में आगामी बीएमसी (बृहन्मुंबई महानगरपालिका) चुनावों से पहले, भारतीय जनता पार्टी ने अपनी स्थानीय इकाई में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। बुधवार को, भाजपा ने चार नए महासचिवों की नियुक्ति की है।
नियुक्त किए गए महासचिवों में राजेश शिरवाडकर, गणेश खणकर, आचार्य पवन त्रिपाठी और श्वेता पारुलकर शामिल हैं। यह कदम पार्टी की रणनीति का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य मुंबई में अपनी स्थिति को मजबूत करना और 2025 के नगर निगम चुनावों में सफलता प्राप्त करना है।
भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने इन नियुक्तियों को स्वीकृति दी है। मुंबई इकाई का मानना है कि ये नए महासचिव पार्टी को जमीनी स्तर पर सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। बीएमसी चुनावों में भाजपा शिवसेना (ईबीएस) के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी।
इससे पहले, कांग्रेस ने बीएमसी चुनाव अकेले लड़ने का निर्णय लिया था, जो उद्धव ठाकरे और शरद पवार के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने यह घोषणा की थी कि उनकी पार्टी आगामी बीएमसी चुनाव में अकेले भाग लेगी।
विजय वडेट्टीवार ने नागपुर में पत्रकारों से कहा, “स्थानीय नेताओं ने अकेले चुनाव लड़ने का आग्रह किया है। इस पर हाईकमान से चर्चा की गई, और उन्होंने स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेने की सलाह दी। मुंबई में भी यही निर्णय लिया गया है।
कांग्रेस के इस निर्णय ने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन के भविष्य को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। इस गठबंधन में कांग्रेस के साथ शिवसेना-यूबीटी और एनसीपी-एसपी भी शामिल हैं।
कांग्रेस की मुंबई इकाई ने बताया कि चुनाव में उम्मीदवारी के लिए एक हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं।
2017 के चुनावों में भाजपा ने 82 सीटें जीती थीं, जो शिवसेना के 84 के करीब थी। वहीं, कांग्रेस को 31 और एनसीपी को 9 सीटें मिली थीं।
