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मायावती की सक्रियता: 2027 चुनाव की तैयारी में बहुजन समाज पार्टी

बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती ने हाल ही में अपनी राजनीतिक गतिविधियों को तेज किया है। उन्होंने अपने भतीजे आकाश को उत्तराधिकारी घोषित किया और 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई हैं। मायावती ने भाईचारा कमेटियों का पुनर्गठन किया है, जो 2007 में उनकी सफलता का कारण बनी थीं। इस बार वे दलितों और मुस्लिमों के साथ-साथ दलितों और ब्राह्मणों के बीच भाईचारा बनाने का प्रयास कर रही हैं। जानें उनके नए कदम और रणनीतियाँ।
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मायावती की सक्रियता: 2027 चुनाव की तैयारी में बहुजन समाज पार्टी

मायावती की नई रणनीतियाँ

बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने हाल के दिनों में अपनी राजनीतिक गतिविधियों को तेज कर दिया है। पिछले महीने, 9 अक्टूबर को, उन्होंने बसपा के संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर एक रैली का आयोजन किया, जो कई वर्षों बाद हुआ। मायावती ने अपने भतीजे आकाश को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है और उन्हें स्वतंत्रता से काम करने का अवसर दिया है। वे 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी हुई हैं। सूत्रों के अनुसार, उन्हें ऐसी जानकारी मिली है कि 2027 का चुनाव त्रिकोणीय होगा, जिसमें भाजपा की स्थिति कमजोर होगी, जबकि सपा की स्थिति मजबूत होगी।


इस संदर्भ में, बसपा के लिए यह एक सुनहरा अवसर हो सकता है। हाल ही में, मायावती ने भाईचारा कमेटियों का पुनर्गठन किया है। यह ध्यान देने योग्य है कि इसी कमेटी ने 2007 के चुनाव में मायावती को पूर्ण बहुमत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 20 साल बाद, वे फिर से इस रणनीति पर लौट रही हैं। मायावती दलितों और मुस्लिमों के साथ-साथ दलितों और ब्राह्मणों के बीच भाईचारा स्थापित करने का प्रयास कर रही हैं। हाल ही में एक बैठक में, बसपा नेताओं ने नीले रंग की टोपी पहनी, जिस पर 'बहुजन समाज पार्टी जिंदाबाद' का नारा लिखा था। यह बताया जा रहा है कि समाजवादी पार्टी की लाल टोपी की तर्ज पर, बसपा के नेता भी नीली टोपी पहनेंगे, जो 2027 के चुनाव की तैयारी का हिस्सा है।