यमुनानगर में मौसम में बदलाव और कृषि प्रबंधन की नई दिशा
यमुनानगर में मौसम की स्थिति
यमुनानगर (Yamunanagar Weather)। मौसम में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है। पिछले तीन दिनों से सुबह और शाम के समय ठंडक में वृद्धि हुई है। बुधवार को जिले का न्यूनतम तापमान 11.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। मौसम विभाग के अनुसार, तापमान और गिरने की संभावना है। हालांकि, ठंडक का असर पहले से ही महसूस किया जा रहा है। इसके बावजूद, शहर का एक्यूआई 200 के स्तर पर पहुंच गया, जो बुधवार को 232 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर था।
एक्यूआई और स्वास्थ्य पर प्रभाव
विशेषज्ञों का कहना है कि इतना उच्च एक्यूआई स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। मंगलवार को शहर का एक्यूआई 123 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर था, जो कि कुछ राहत का संकेत था, लेकिन एक दिन बाद यह फिर से बढ़ गया, जो स्वास्थ्य के लिए चिंताजनक है।
सावधानी बरतने की सलाह
Yamunanagar Weather: सावधानी बरतने की सलाह
चिकित्सक इस प्रकार के मौसम को लेकर चिंतित हैं और लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। यदि किसी को आंखों में खुजली या सांस लेने में कठिनाई महसूस हो, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करने की सलाह दी जा रही है। वहीं, सर्दी से राहत पाने के लिए लोग पार्कों का रुख कर रहे हैं और बच्चे झूलों का आनंद ले रहे हैं। ठंड बढ़ने के कारण लोग गर्म कपड़े पहनकर बाहर निकल रहे हैं।
कृषि में नई तकनीक का उपयोग
फसल अवशेष प्रबंधन योजना में किसानों की दिलचस्पी
हरियाणा में कृषि विभाग की फसल अवशेष प्रबंधन योजना इस बार काफी सफल होती नजर आ रही है। किसानों ने मशीनों की मदद से फसल अवशेषों को मिट्टी में दबाकर खेतों की उर्वरता बढ़ाई है। इसके साथ ही, बेलर मशीन से पराली का प्रबंधन कर कई किसान सरकार से 1200 रुपये प्रति एकड़ का लाभ भी उठा रहे हैं। कुछ किसान पराली को पशुओं के चारे के रूप में भी सुरक्षित रख रहे हैं।
सुपर सीडर मशीन का उपयोग
फसल अवशेष प्रबंधन के बाद, किसानों में सुपर सीडर मशीन से गेहूं की बुवाई का रुझान तेजी से बढ़ा है। किसानों का कहना है कि यह मशीन कम समय, कम लागत और कम श्रम में अधिक क्षेत्र में बुवाई करने में सक्षम है।
गांव नागल के किसान प्रमोद कुमार ने बताया कि वह पिछले चार वर्षों से सुपर सीडर मशीन से गेहूं की बुवाई कर रहे हैं। इस वर्ष उन्होंने अब तक लगभग 125 एकड़ में बुवाई पूरी कर ली है और यह कार्य तेजी से जारी है।
गांव बुबका के किसान पवन कुमार और सुरजीत ने कहा कि सुपर सीडर से बुवाई में बीज का जमाव बेहतर होता है और प्रति एकड़ केवल 1600 रुपये का खर्च आता है।
सहायक कृषि अभियंता विनीत कुमार जैन के अनुसार, जिले में लगभग 80 प्रतिशत क्षेत्र में इन-सीटू यंत्रों जैसे सुपर सीडर और 15 प्रतिशत क्षेत्र में एक्स-सीटू यंत्रों जैसे स्ट्रा बेलर से अवशेष प्रबंधन किया जा रहा है। पराली से प्लाई बोर्ड और पैलेट उद्योगों की मांग बढ़ने के कारण बेलर मशीनों की अतिरिक्त मांग भी भेजी गई है।
