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राहुल गांधी ने सीपीएम और आरएसएस की तुलना पर उठाए सवाल

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सीपीएम की आरएसएस से तुलना की, जिससे राजनीतिक विवाद उत्पन्न हुआ। उन्होंने कहा कि दोनों संगठनों में लोगों के प्रति संवेदनशीलता की कमी है। इस पर सीपीएम के नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। डी राजा ने भी इस मुद्दे पर अपनी आपत्ति जताई है। जानें इस राजनीतिक घटनाक्रम के पीछे की कहानी और केरल में कांग्रेस-सीपीएम के बीच की स्थिति।
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राहुल गांधी ने सीपीएम और आरएसएस की तुलना पर उठाए सवाल

राहुल गांधी का बयान

कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने हाल ही में सीपीएम की तुलना भारतीय जनता पार्टी के मातृ संगठन आरएसएस से की। उन्होंने शुक्रवार को केरल में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि वह दोनों संगठनों के खिलाफ हैं, क्योंकि इनमें लोगों के प्रति संवेदनशीलता की कमी है। इस बयान पर कम्यूनिस्ट पार्टी के नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। शनिवार को हुई एक वर्चुअल मीटिंग में डी राजा ने भी इस मुद्दे पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई।


ओमान चांडी की याद में कार्यक्रम

राहुल गांधी ने पूर्व मुख्यमंत्री ओमान चांडी की याद में आयोजित कार्यक्रम में कहा कि वह विचारों और भाषणों के स्तर पर आरएसएस और सीपीएम से लड़ाई कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राजनीति में रहकर लोगों की सोच को समझना और उनकी बातों को सुनना आवश्यक है।


डी राजा की प्रतिक्रिया

सीपीएम के महासचिव एमए बेबी ने राहुल के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इससे यह स्पष्ट होता है कि उन्हें केरल और भारत की राजनीतिक वास्तविकताओं का ज्ञान नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि 2004 में कांग्रेस की सरकार वामपंथियों के समर्थन के बिना नहीं बन सकती थी। डी राजा ने कहा कि वामपंथियों और आरएसएस की तुलना से बचना चाहिए, क्योंकि इससे कार्यकर्ताओं में भ्रम उत्पन्न होता है और गठबंधन की एकता को नुकसान पहुंचता है।


केरल में राजनीतिक स्थिति

बेबी ने यह भी कहा कि वे कांग्रेस की स्वतंत्र आलोचना करते रहे हैं और आर्थिक नीतियों पर हमेशा उनके दृष्टिकोण के खिलाफ रहे हैं। केरल में सीपीएम के नेतृत्व वाला वाम मोर्चा और कांग्रेस का इंडिया गठबंधन हमेशा आमने-सामने रहता है, जबकि सीपीएम और सीपीआई हमेशा इंडिया गठबंधन के साथ रहे हैं।