संसद का मानसून सत्र: किरेन रिजिजू ने उठाए महत्वपूर्ण मुद्दे

संसद का मानसून सत्र शुरू होने वाला है
सोमवार से संसद का मानसून सत्र आरंभ होने जा रहा है। इस संदर्भ में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने रविवार को कहा कि केंद्र पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है, बशर्ते यह चर्चा संसदीय नियमों के अनुसार हो।
विपक्ष का बढ़ता दबाव
रिजिजू का यह बयान उस समय आया है जब विपक्ष अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे पर चिंता जता रहा है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम कराने में भूमिका निभाई थी।
सर्वदलीय बैठक में चर्चा
सर्वदलीय बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए, रिजिजू ने कहा कि यह बैठक सकारात्मक रही, जिसमें विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने मानसून सत्र से पहले अपने विचार साझा किए। उन्होंने सभी दलों से सहयोग की अपील की ताकि सत्र का संचालन सुचारू और सफल हो सके।
उन्होंने बताया कि बैठक में 51 दलों के 40 प्रतिनिधियों ने भाग लिया और सभी से सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने का अनुरोध किया गया। यह एक साझा जिम्मेदारी है, जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को योगदान देना होगा।
सरकार की तैयारियां
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री हमेशा सदन में उपस्थित रहते हैं, सिवाय विदेश यात्राओं या विशेष परिस्थितियों के। उन्होंने यह भी कहा कि जब किसी विशेष विभाग पर चर्चा हो रही हो, तो संबंधित मंत्री जवाब देने के लिए मौजूद रहते हैं।
महाभियोग प्रस्ताव पर चर्चा
रिजिजू ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर भी बात की, जिसमें सांसदों का समर्थन प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि इस प्रस्ताव पर 100 से अधिक सांसदों के हस्ताक्षर हो चुके हैं, जिनमें कांग्रेस के 40 सांसद भी शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार, महाभियोग प्रस्ताव को लोकसभा के चालू मानसून सत्र में लाए जाने की संभावना है।