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सीमांचल में AIMIM की एंट्री ने बदला चुनावी परिदृश्य, एनडीए को मिली बढ़त

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सीमांचल क्षेत्र ने राजनीतिक समीकरणों को बदल दिया है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने मुस्लिम वोट बैंक पर अपनी पकड़ बनाकर महागठबंधन को नुकसान पहुंचाया है। प्रारंभिक रुझानों में एनडीए को 24 सीटों में से लगभग 20 पर बढ़त मिलती दिख रही है। AIMIM की एंट्री ने वोटों का समीकरण तीन हिस्सों में बांट दिया है, जिससे चुनावी परिदृश्य में नया मोड़ आया है। जानें इस क्षेत्र के महत्वपूर्ण सीटों पर रुझान और AIMIM की भूमिका के बारे में।
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सीमांचल में AIMIM की एंट्री ने बदला चुनावी परिदृश्य, एनडीए को मिली बढ़त

बिहार चुनाव 2025 में सीमांचल का महत्व


पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सीमांचल क्षेत्र ने राज्य की राजनीतिक दिशा को प्रभावित किया है। प्रारंभिक रुझानों में एनडीए को मिली अप्रत्याशित बढ़त ने कई राजनीतिक समीकरणों को बदल दिया है। इस बदलाव का मुख्य कारण असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM है, जिसने मुस्लिम वोट बैंक पर अपनी मजबूत पकड़ बनाकर महागठबंधन को नुकसान पहुंचाया है।


AIMIM की भूमिका और प्रभाव

सीमांचल को हमेशा से महागठबंधन का गढ़ माना जाता रहा है। किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार जैसे जिलों में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 30 से 65 प्रतिशत तक है। ऐसे में यह माना जा रहा था कि आरजेडी, कांग्रेस और अन्य सहयोगी दल यहां अपनी स्थिति मजबूत बनाए रखेंगे।


हालांकि, AIMIM के सक्रिय प्रचार और ओवैसी के आक्रामक कैंपेन ने राजनीतिक परिदृश्य को बदल दिया। ओवैसी ने मुस्लिम मतदाताओं का विश्वास जीतने में सफलता पाई और उन्हें यह समझाने में सफल रहे कि पूर्व में जिन दलों पर उन्होंने भरोसा किया, वे उनके हितों की सही रक्षा नहीं कर रहे।


एनडीए को मिली अप्रत्याशित बढ़त

सीमांचल की 24 सीटों में से प्रारंभिक रुझानों में लगभग 20 सीटों पर एनडीए को बढ़त मिलती दिख रही है। AIMIM को मिले वोटों के कारण मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में वोटों का बिखराव एनडीए के लिए फायदेमंद साबित हुआ है।


2020 के चुनाव में AIMIM ने पांच सीटों पर जीत हासिल कर सभी को चौंका दिया था। भले ही बाद में उसके विधायक राजद में शामिल हो गए हों, लेकिन इस क्षेत्र में AIMIM की पकड़ मजबूत बनी हुई है। 2025 में पार्टी 15 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जिससे महागठबंधन की स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण हो गई है।


सीमांचल का चुनावी भूगोल

एनडीए और महागठबंधन दोनों ने सीमांचल को महत्वपूर्ण माना है।


एनडीए: बीजेपी 11 सीटें, जेडीयू 10 सीटें, एलजेपी (RV) 3 सीटें


महागठबंधन: कांग्रेस 12 सीटें, आरजेडी 9 सीटें, वीआईपी 2 सीटें


AIMIM: 15 सीटों पर चुनाव लड़ रही है


AIMIM के आने से वोटों का समीकरण तीन हिस्सों में बंट गया है, जिसका सीधा असर सीटों पर दिख रहा है।


महत्वपूर्ण सीटों पर रुझान

अमौर सीट


जेडीयू के सबा जफर: 13,566


AIMIM के अख्तरुल ईमान: 11,575


कांग्रेस के अब्दुल जलील मस्तान: 5,751


बहादुरगंज


एलजेपी (RV) के मोहम्मद कलीमुद्दीन: 10,701


AIMIM के तौसीफ आलम: 7,183


कांग्रेस के मसवर आलम: 5,622


बायसी


AIMIM उम्मीदवार: 9,759


बीजेपी के विनोद कुमार: 5,851


RJD के अब्दुस सुब्हान: 1,738


जोकीहाट


जेडीयू के मंजर आलम: 15,909


AIMIM के मुर्शिद आलम: पीछे


RJD के शाहनवाज: तीसरे स्थान पर


कोचाधामन


AIMIM के सरवर आलम: 15,371


RJD के मुजाहिद आलम: बेहद करीबी अंतर से पीछे


बीजेपी की बीना देवी: 10,403 वोट