हरक सिंह रावत का ED के खिलाफ कड़ा बयान: 'यह फर्जी कार्रवाई है'

हरक सिंह रावत का ED केस
हरक सिंह रावत का ED केस: उत्तराखंड के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत एक बार फिर चर्चा में हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में चार्जशीट दायर करने के बाद उन्होंने तीखी प्रतिक्रिया दी है। रावत ने इसे एक "फर्जी कार्रवाई" बताते हुए कहा कि असली "420" तो ED है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, देहरादून में संवाददाताओं से बात करते हुए हरक सिंह रावत ने कहा, "यह एक झूठी कार्रवाई है। मैं 420 नहीं हूं, बल्कि ED के अधिकारी ही 420 हैं। यह एजेंसी, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिए बनाई गई थी, आज खुद एक धोखाधड़ी में लिप्त है। मेरे दस्तावेज इस बात की पुष्टि करते हैं।"
#WATCH | Dehradun | On ED filing a chargesheet against him, his wife and three others in connection with a money laundering case, former Uttarakhand Minister & Congress Leader Harak Singh Rawat says, "It is a fake action. I am not 420 (fraud). It is the ED. The ED officials are… pic.twitter.com/5WLYp0eoZW
— News Media (@NewsMedia) July 19, 2025
तीन अन्य लोगों के खिलाफ आरोपपत्र
ED ने हरक सिंह रावत, उनकी पत्नी और तीन अन्य व्यक्तियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में आरोपपत्र दाखिल किया है। एजेंसी का आरोप है कि रावत और उनके सहयोगियों ने अवैध तरीके से धन अर्जित किया और उसे वैध दिखाने के लिए धोखाधड़ी के तरीकों का सहारा लिया।
रावत ने आरोपों को खारिज किया
रावत ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि उनके पास सभी वैध दस्तावेज हैं, जो उनकी बेगुनाही को साबित करते हैं। उन्होंने यह भी चुनौती दी कि यदि वे निर्दोष साबित होते हैं, तो क्या ED के अधिकारियों पर भी धोखाधड़ी का मामला चलेगा?
परिवार को निशाना बनाना
उन्होंने आगे कहा, "मैं सड़कों पर भी लड़ूंगा और अदालत में भी। अब यह केवल एक कानूनी लड़ाई नहीं, बल्कि मेरी प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गई है।" हरक सिंह रावत ने सरकार और जांच एजेंसियों पर राजनीतिक द्वेष के चलते कार्रवाई करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से उन्हें और उनके परिवार को निशाना बनाया जा रहा है, वह राजनीति से प्रेरित है।
राजनीति में हलचल
यह ध्यान देने योग्य है कि हरक सिंह रावत उत्तराखंड की राजनीति में लंबे समय से सक्रिय हैं और कई बार मंत्री पद संभाल चुके हैं। वे पहले भाजपा में थे, लेकिन बाद में कांग्रेस में लौट आए। ED की कार्रवाई के बाद राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है और कहा है कि रावत के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं हैं।