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हरियाणा में बिजली विभाग का 1.45 करोड़ का बिल, कनेक्शन नहीं होने के बावजूद

हरियाणा के करनाल में एक परिवार को बिजली विभाग द्वारा 1.45 करोड़ रुपये का बिल भेजा गया है, जबकि घर में पिछले डेढ़ साल से बिजली का कनेक्शन नहीं है। इस मामले में विभाग ने इसे टाइपिंग एरर बताया है और असली बिल 14.51 लाख रुपये है। विनोद, जो इस परिवार के सदस्य हैं, ने बताया कि उन्होंने कोर्ट में केवल 22 हजार रुपये देने हैं। वे ऊर्जा मंत्री से भी मिलने की योजना बना रहे हैं। जानें इस मामले की पूरी जानकारी।
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हरियाणा में बिजली विभाग का 1.45 करोड़ का बिल, कनेक्शन नहीं होने के बावजूद

करनाल में बिजली बिल की हैरान करने वाली घटना

करनाल: हरियाणा के करनाल जिले के कुंजपुरा गांव में एक परिवार को बिजली विभाग द्वारा 1 करोड़ 45 लाख 17 हजार 279 रुपये का बिल भेजा गया है, जबकि यह जानकर आश्चर्य होता है कि घर में पिछले डेढ़ साल से बिजली का कनेक्शन ही नहीं है। बिजली विभाग ने इसे टाइपिंग एरर करार देते हुए कहा कि असली बिल 14 लाख 51 हजार 279 रुपये है।


विनोद, जो कुंजपुरा गांव में रहते हैं, ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उन्होंने हाल ही में अपनी पत्नी के नाम पर बिजली का मीटर लगाने के लिए आवेदन किया था। उनके पिता के नाम पर जो पेंडिंग बिल था, उसे बिजली विभाग ने बढ़ाकर 1.45 करोड़ रुपये दिखा दिया।


जब विनोद को बताया गया कि असली बिल 14.51 लाख रुपये है, तो उन्होंने कहा कि उन्हें कोर्ट में केवल 22 हजार रुपये देने हैं। उन्होंने पहले ही कुछ पैसे जमा कर दिए हैं और बाकी का फैसला कोर्ट पर छोड़ दिया है।


विनोद ने कहा कि डेढ़ साल पहले उनका बिजली का मीटर लगाया गया था, लेकिन विभाग के लोग उसे उतारकर ले गए। उन्होंने केवल एक किलोवाट के कनेक्शन की मांग की है ताकि घर में रोशनी आ सके, क्योंकि गर्मियों में उन्हें काफी परेशानी हो रही है।


उन्होंने बताया कि वे हरियाणा के ऊर्जा मंत्री अनिल विज से मिलने गए थे, लेकिन किसी कारणवश उनसे मुलाकात नहीं हो पाई। सोमवार को वे चंडीगढ़ में उनसे अपनी समस्या साझा करेंगे।


इस मामले में बिजली विभाग के अधिकारी तरुण जैन ने कहा, "डेढ़ करोड़ से अधिक का बिल पेंडिंग नहीं है। विनोद ने नया कनेक्शन लेने के लिए आवेदन किया था। जब हमारी टीम वेरिफिकेशन के लिए गई, तो पाया गया कि पुराना कनेक्शन ज्ञान चंद के नाम पर है। 2015 से पहले चेकिंग की गई थी और उस समय उन पर जुर्माना लगाया गया था। वे कोर्ट गए और कोर्ट ने उन्हें करंट बिल भरने का आदेश दिया था, लेकिन उन्होंने उसका भुगतान नहीं किया, जिससे यह राशि बढ़कर 14.51 लाख रुपये हो गई। हालांकि, टाइपिंग एरर के कारण यह राशि 1.45 करोड़ रुपये हो गई।"