बस्तर जिले के 19 स्वास्थ्य केंद्र राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के तहत हुए प्रमाणित
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जगदलपुर, 27 फ़रवरी (हि.स.)। बस्तर जिले के 19 स्वास्थ्य केंद्र जिसमें वर्ष 2022 में प्रमाणित आडावाल, वर्ष 2023 में प्रमाणित कलचा, कुम्हरावंड, महारानी अस्पताल जगदलपुर, वर्ष 2024 में प्रमाणित केसलूर, पालवा, तेलीमरेंगा, माड़पाल, उलनार, छिंदगुर, तारापुर, मोंगरेपाल, मार्केल, कच्छनार, कुरेंगा, करंजी, जामावाड़ा, एवं वर्ष 2025 में प्रमाणित यूपीएचसी गीमद रोड, यूपीएचसी धमरपुरा राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्यूएएस) के तहत प्रमाणित हो चुके हैं। इससे बस्तर के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलने की उम्मीद बढ़ी है।
मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य केंद्रों को राष्ट्रीय स्तर का प्रमाणन प्राप्त करने के लिए 19 से अधिक गुणवत्ता मानकों पर परखा जाता है। इसमें स्वच्छता, दवाओं की उपलब्धता, उपकरणों की स्थिति, संक्रमण नियंत्रण, रोगी संतुष्टि, डॉक्टरों और स्टाफ की दक्षता, आपातकालीन सेवाएं और अन्य चिकित्सा सुविधाएं शामिल हैं। गुणवत्ता प्रमाणन से ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्थित स्वास्थ्य केंद्रों को बेहतर सेवाएं देने के योग्य इलाज, उन्नत सुविधाएं और उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं मिलने की उम्मीद बढ़ी है। आने वाले समय में बस्तर जिला स्वास्थ्य सेवाओं के मामले में और भी अग्रणी बन सकता है।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. रीना लक्ष्मी ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया कि बस्तर में एनक्यूएएस प्रमाणन के तहत 19 स्वास्थ्य सुविधाओं को राष्ट्रीयस्तर की गुणवत्ता का दर्जा मिला है। इस प्रक्रिया में स्वास्थ्य केंद्रों का सख्त मूल्यांकन किया जाता है, जिसमें स्वच्छता, दवाओं की उपलब्धता, उपकरणों की स्थिति, रोगी संतुष्टि, डॉक्टरों और स्टाफ की दक्षता, आपातकालीन सेवाएं, आदि को परखा जाता है। उन्हाेंने बताया कि बस्तर जिला एनक्यूएएस कार्यक्रम 2024-25 की रिपोर्ट के अनुसार बस्तर जिले में कुल 281 स्वास्थ्य केंद्र है, जिनमें से 138 को एनक्यूएएस मूल्यांकन के लिए चुना गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे