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विधायक आक्या ने पूछा क्या आरजीएचएस बंद करने वाली है सरकार, उप मुख्यमंत्री ने कहा, बंद नहीं होगी योजना

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विधायक आक्या ने पूछा क्या आरजीएचएस बंद करने वाली है सरकार, उप मुख्यमंत्री ने कहा, बंद नहीं होगी योजना


चित्तौड़गढ़, 27 फ़रवरी (हि.स.)। विधायक चंद्रभानसिंह आक्या ने गुरुवार को विधानसभा के जारी बजट सत्र में राजस्थान की जनता, सरकारी कर्मचारियों व पेंशनर्स को आरजीएचएस स्कीम में बायोमेट्रिक उपस्थिति की अनिवार्यता को लेकर हो रही असुविधा की ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट किया। विधानसभा में विधायक आक्या ने प्रश्न उठाया जिसके जवाब में उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने बताया कि सतर्कता विभाग द्वारा कुछ प्रकरणों में योजना के दुरुपयोग की शिकायतों को देखते हुए आरजीएचएस कर्मियों के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति अनिवार्य की गई थी। लेकिन इसमें अत्यंत गंभीर एवं 75 साल से ऊपर के कर्मचारियों के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति की अनिवार्यता नहीं है। इस पर विधायक आक्या ने पूरक प्रश्न करते हुए कहा कि अधिकांश निजी अस्पतालों एवं मेडिकल स्टोर पर आरजीएचएस कर्मियों को दवाइयां नहीं दी जाती है। योजना के तहत भर्ती भी नहीं किया जाता है। अनेक बार यह भी देखने में आता है कि उनको योजना का फायदा नहीं दिया जाता है और यह कहा जाता है कि यह योजना तो बंद होने वाली है। सरकार स्पष्ट करें कि सरकार इस योजना को भविष्य में निरंतर जारी रखेगी या नहीं। विधायक आक्या ने सदन में यह भी पूछा की क्या सरकार इस योजना को बंद करने वाली है यह स्पष्ट करे। इस पर उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने जवाब देते हुए बताया कि सरकार की मंशा इस योजना को किसी भी प्रकार से बंद करने की नहीं है। इस पर विधायक आक्या ने मूल प्रश्न के साथ दूसरा पूरक प्रश्न करते हुए कहा कि सरकारी कर्मचारी कम से कम 30 से 40 वर्ष की राजकीय सेवा पूर्ण करने के बाद सेवानिवृत होता है। वर्तमान में 50 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति बीमारी से ग्रसित होने लगते है तो क्या सरकार बायोमेट्रिक उपस्थिति में 75 वर्ष से उपर आयु वर्ग के लोगो को जो छूट दी गई है उसे घटा कर 60 वर्ष या उससे ऊपर करने की योजना रखती है या नहीं। अधिकांश व्यक्तियों को इससे असुविधा होती है और इसमें भ्रष्टाचार भी हो रहा है। इस पर उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने जवाब देते हुए कहा कि गंभीर अवस्था में भर्ती मरीज के लिए इस योजना में बायोमेट्रिक उपस्थिति की अनिवार्यता नहीं है। साथ ही उप मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि कोई निजी अस्पताल या मेडिकल स्टोर इस योजना के तहत लाभ देने से मना करते हैं तो गलत है। सरकार को ऐसी किसी प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त होने पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / अखिल