होली पर लगेगा साल का पहला चन्द्र ग्रहण, सूतक का असर नहीं

जयपुर, 27 फ़रवरी (हि.स.)। इस साल का पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च को लगेगा। यह पूर्ण ग्रहण होगा। यह चंद्र ग्रहण धुलंडी के दिन लगेगा। लेकिन भारत में दिखाई नहीं देने के कारण इस चंद्र ग्रहण का भारत में कोई असर नहीं होगा। ये चंद्र ग्रहण यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका और पैसिफिक में दिखाई देगा। वर्ष 2025 में चार ग्रहण देखने को मिलेंगे। इनमें से दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण होंगे। वर्ष 2025 में कुल दो चंद्र ग्रहण लगने वाले हैं। इनमें से पहला ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा जबकि दूसरा चंद्र ग्रहण भारत में नजर आएगा। दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 को लगेगा। यह चंद्र ग्रहण पितृ पक्ष की शुरुआत में लगेगा और यह भारत में दिखाई देगा, जिससे इसका सूतक काल मान्य होगा। ज्योतिष शास्त्र में चंद्र ग्रहण विशेष महत्व है। ग्रहण में शुभ कार्य और पूजा करने की मनाही होती है। लापरवाही करने या बरतने से शारीरिक और मानसिक सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
चंद्र ग्रहण की तिथि और समय
ज्योतिषाचार्य डॉ. महेन्द्र मिश्रा ने बताया कि 14 मार्च को पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च को फाल्गुन मास की शुक्ल पूर्णिमा के दिन लगेगा। यह ग्रहण भारतीय समयानुसार सुबह 10:41 बजे से दोपहर 14:18 बजे तक रहेगा। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा जो मुख्य रूप से ऑस्ट्रेलिया के अधिकांश भाग यूरोप अफ्रीका के अधिकांश भाग, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत अटलांटिक आर्कटिक महासागर, पूर्वी एशिया और अंटार्कटिका, आदि क्षेत्रों में दिखाई देगा। यह भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इस ग्रहण का धार्मिक दृष्टि से भारत में कोई महत्व नहीं होगा। खगोलीय दृष्टि से यह चंद्र ग्रहण सिंह राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में लगेगा, इसलिए सिंह राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में जन्मे लोगों के लिए यह ग्रहण विशेष रूप से प्रभावशाली रहने वाला है। चंद्र ग्रहण के दिन चंद्रमा से सप्तम भाव में सूर्य और शनि विराजमान रहेंगे और चंद्रमा को पूर्ण सप्तम दृष्टि से देखेंगे। चंद्र ग्रहण के दिन चंद्रमा से सप्तम भाव में सूर्य और शनि विराजमान रहेंगे और चंद्रमा को पूर्ण सप्तम दृष्टि से देखेंगे। ऐसे में इसका प्रभाव और भी गहरा देखने को मिलेगा। इस दिन चंद्रमा से दूसरे भाव में केतु, सप्तम भाव में सूर्य और शनि, अष्टम भाव में राहु, बुध और शुक्र, दशम भाव में बृहस्पति और एकादश भाव में मंगल विराजमान होंगे। इस प्रकार होली और दीपावली पर सूर्य तथा चंद्र ग्रहण को महत्वपूर्ण माना जाता है।
ग्रहण के समय ग्रहों की स्थिति- चंद्र ग्रहण सिंह राशि और उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में लगेगा, जो इसे विशेष रूप से प्रभावशाली बनाता है। ग्रहण के समय चंद्रमा अपनी राशि सिंह में रहेगा। जबकि सूर्य और शनि चंद्रमा के सातवें भाव में स्थित होकर उस पर पूर्ण सप्तम दृष्टि डालेंगे, जिससे ग्रहणम का प्रभाव तीव्र होगा। केतु चंद्रमा के द्वितीय भाव में स्थित रहेगा, जिससे मानसिक तनाव की स्थिति बन सकती है। राहु, बुध और शुक्र चंद्रमा के आठवें भाव में स्थित होंगे, जिससे कुछ राशियों पर मिश्रित प्रभाव पड़ेगा। गुरु चंद्रमा के दशम भाव में रहेगा, जिससे धार्मिक और आध्यात्मिक प्रवृत्तियों में वृद्धि होगी।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश