संस्कृत में ही भारत का गौरव निहित : न्यायाधीश संजय करोल
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- सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश का संपूर्णानंद संस्कृत विवि के कुलपति ने किया सम्मान
वाराणसी, 27 फरवरी (हि.स.)। सर्वोच्च न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) के जज न्यायमूर्ति संजय करोल गुरुवार को सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा से मिले। कुलपति आवास पर पहुंचे न्यायमूर्ति का कुलपति प्रो. शर्मा ने गर्मजोशी से स्वागत किया। कुलपति ने न्यायमूर्ति को उत्तरीय प्रदान कर उनका अभिनन्दन किया। इस अवसर पर न्यायमूर्ति ने संस्कृत भाषा की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि संस्कृत के माध्यम से ही एक उत्तम शिक्षा, स्वास्थ्य, न्याय एवं राज्य व्यवस्था की कल्पना तथा सत्य की रक्षा की जा सकती है।
संस्कृत के श्लोक का उल्लेख कर उन्होंने कहा कि संपूर्ण विश्व को एक परिवार के रूप में स्थापित करने का कार्य यदि कोई भाषा कर सकती है तो वह संस्कृत भाषा है। संस्कृत में ही भारत का गौरव निहित है।
उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति संजय करोल हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, त्रिपुरा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश भी रह चुके हैं। फरवरी 2023 से सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप कार्यरत हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी