जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने रीवा में छात्रों से साझा की आधुनिक चुनौतियों की बातें
रीवा में संवाद
रीवा: थल सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शनिवार को अपने गृह नगर रीवा के टीआरएस कॉलेज में छात्रों के साथ संवाद करते हुए वर्तमान समय की चुनौतियों पर चर्चा की।
भविष्य की अनिश्चितता
उन्होंने बताया कि आज की दुनिया में अस्थिरता, अनिश्चितता और जटिलता तेजी से बढ़ रही है, जिससे भविष्य की दिशा स्पष्ट नहीं है। उन्होंने मजाक में कहा, 'आज ट्रंप क्या कर रहे हैं, शायद ट्रंप खुद भी नहीं जानते कि वे कल क्या करेंगे।'
अस्थिरता की चिंता
जनरल द्विवेदी ने कहा कि वर्तमान समय में दुनिया अभूतपूर्व अस्थिरता का सामना कर रही है। सुरक्षा और तकनीकी क्षेत्रों में अनिश्चितता बढ़ती जा रही है। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में 'instability, uncertainty, complexity, and ambiguity' यानी अस्थिरता, अनिश्चितता, जटिलता और अस्पष्टता सबसे बड़ी चुनौतियां होंगी। यह स्थिति न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक नया सुरक्षा परिदृश्य प्रस्तुत कर रही है।
चुनौतियों का तेजी से बदलना
सेना प्रमुख ने कहा कि आज की स्थिति ऐसी है कि जब हम एक पुरानी चुनौती को समझने की कोशिश करते हैं, तब तक एक नई चुनौती सामने आ जाती है। चाहे सीमा पर स्थिति हो, आतंकवाद, प्राकृतिक आपदाएं या साइबर युद्ध, हर क्षेत्र में खतरे लगातार बदलते जा रहे हैं। जनरल द्विवेदी के अनुसार, सेना को पारंपरिक युद्ध के साथ-साथ नई तकनीकों और उभरते खतरों का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।
नई युद्ध अवधारणाएं
उन्होंने कहा कि अब युद्ध केवल भूमि या सीमाओं तक सीमित नहीं है। 'अब स्पेस वारफेयर, सैटेलाइट, केमिकल, बायोलॉजिकल, रेडियोलॉजिकल और इंफॉर्मेशन वारफेयर जैसे नए क्षेत्र सामने आ चुके हैं।' जनरल द्विवेदी ने छात्रों को बताया कि आज के युग में एक सैनिक को जमीन, आकाश और समुद्र, तीनों मोर्चों पर समान रूप से तैयार रहना पड़ता है। इन नई चुनौतियों के कारण सेना की रणनीति और प्रशिक्षण के तरीकों में लगातार बदलाव हो रहे हैं।
ऑपरेशन सिंदूर और सूचना युद्ध
जनरल द्विवेदी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' का उल्लेख करते हुए कहा कि हाल ही में कराची पर हमले जैसी झूठी खबरें फैलाई गईं, जो हैरान करने वाली थीं। उन्होंने कहा, 'ऐसी खबरें आती हैं और हमें लगता है कि ये सच हैं। लेकिन हमें समझना होगा कि सूचना युद्ध अब एक वास्तविक खतरा बन चुका है।' गलत सूचनाओं और दुष्प्रचार से बचाव भी आधुनिक युद्ध का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है।
युवाओं के लिए प्रेरणा
अपने संबोधन के अंत में जनरल द्विवेदी ने युवाओं से कहा कि वे हर परिस्थिति के लिए तैयार रहें और बदलाव को अवसर के रूप में देखें। उन्होंने कहा, 'आप और हम दोनों ही यह नहीं जानते कि भविष्य क्या लेकर आएगा, लेकिन हमें इस अनिश्चितता से डरना नहीं चाहिए। इसे समझदारी से सामना करना चाहिए।' सेना प्रमुख ने युवाओं को नवाचार, तकनीक और नैतिकता को अपने जीवन का हिस्सा बनाने की सलाह दी।
