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बांग्लादेशी घुसपैठिया को हजारीबाग जेल भेजने की मिली अनुमति

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दुमका, 27 फ़रवरी (हि.स.)। बिना पासपोर्ट के अवैध तरीके से भारत में प्रवेश करने वाले बांग्लादेशी नागरिक नजमुल हवलदार की दो साल की सजा पूरी हो गई, लेकिन सुरक्षा बल नहीं मिलने की वजह से उसे गुरुवार को जेल से आजादी नहीं मिली।

कारा प्रशासन के पत्र पर जेल आइजी ने उसे हजारीबाग के डिटेंशन सेंटर भेजने की अनुमति भी दे दी है। अब नजमुल को शुक्रवार या फिर शनिवार को हजारीबाग भेजा जाएगा।

केंद्रीय कारा में बंद नजमुल बांग्लादेश के खुलना दक्षिण अंचल के बगेराहाट जिले के मोरेलगंज थाना क्षेत्र के शांतिभंगा गांव का रहने वाला है। उसे 24 फरवरी 2023 को साहिबगंज के तालझारी थाना की पुलिस ने रेलवे स्टेशन के आउटर के पास गिरी हुई अवस्था में गिरफ्तार किया था। अगले दिन साहिबगंज के राजमहल थाना में विदेशी अधिनियम के तहत मामला दर्ज हुआ।

पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि ट्रेन में सवार लोगों ने उसे चोर समझकर फेंक दिया था। उसे भारतीय सीमा में प्रवेश कराने वाला सागर नामक भारतीय था। सागर से उसकी मुलाकात बांग्लादेश में हुई थी। उसने दिल्ली में काम दिलाने के नाम पर 20 हजार रुपया लेकर सिलेट सीमा के पास अवैध तरीके से सीमा पार भेज दिया। दिल्ली में कबाड़ी का काम रास नहीं आने पर ट्रेन से वापस लौट रहा था, तभी हादसा हो गया।

वहीं 16 जून 2024 को संबंधित अदालत ने उसे दोषी मानते हुए दो साल की सजा और दस हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी।

27 फरवरी को उसकी सजा पूरी हो जाने के बाद वह जेल से रिहा होने वाला था, लेकिन सुरक्षा कारणों की वजह से उसे हजारीबाग भेजा नहीं जा सका। जबकि जेल आइजी ने उसे हजारीबाग भेजने की अनुमति दे दी थी।

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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak