पंजाब के सरकारी स्कूलों में शिक्षा का नया आयाम: टीचर सिमरन की प्रेरणा
चंडीगढ़: मातृभाषा और संस्कृति की शिक्षा
चंडीगढ़: क्या आपने कभी सोचा है कि बच्चों को अपनी मातृभाषा पंजाबी और गुरुओं के इतिहास से कौन जोड़ेगा? निजी स्कूलों में तो केवल अंग्रेजी और पाठ्यपुस्तकें हैं, लेकिन सरकारी स्कूलों में अब बच्चों को अपनी जड़ों से जोड़ने की शिक्षा भी दी जा रही है.
टीचर सिमरन: प्रेरणा का प्रतीक
पंजाब सरकार के एक सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाली शिक्षिका सिमरन एक प्रेरणादायक उदाहरण हैं। उनका पढ़ाने का तरीका इतना प्रभावशाली है कि बच्चे न केवल पढ़ाई में बल्कि अपनी संस्कृति और परंपराओं में भी निपुण बन रहे हैं.
सरकारी स्कूल की शिक्षिका बनी प्रेरणा की मिसाल
सिमरन आज हर माता-पिता के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं। उनका शिक्षण तरीका इतना प्रभावी है कि बच्चे अनुभवों से सीख रहे हैं। वे बच्चों को पंजाब के गुरुओं के उपदेश, भाषा और इतिहास से जोड़ती हैं। उनके क्लासरूम में शिक्षा केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं है, बल्कि जीवन से जुड़ी सीखों तक फैली हुई है. माता-पिता उनके वीडियो देखकर कहते हैं, “काश हमारे बच्चों को भी ऐसी टीचर मिले!”
सोशल मीडिया पर टीचर सिमरन की लोकप्रियता
टीचर सिमरन के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। इन वीडियो में उनके छात्र धाराप्रवाह पंजाबी बोलते हैं, गुरुओं के उपदेश सुनाते हैं और आत्मविश्वास के साथ सवालों के जवाब देते हैं। कई प्राइवेट स्कूलों के बच्चों की तुलना में ये छात्र कहीं अधिक आत्मविश्वासी और संस्कारी नजर आते हैं। हजारों लोग उनके वीडियो पर गर्व से कमेंट कर रहे हैं। सिमरन ने साबित कर दिया है कि सरकारी स्कूल भी उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान कर सकते हैं.
मान सरकार की पहल से शिक्षा में बदलाव
पंजाब में मान सरकार की नीतियों ने सरकारी शिक्षा की दिशा में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब सरकारी स्कूलों में बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर है, शिक्षकों को प्रशिक्षण और प्रोत्साहन मिल रहा है। सिमरन जैसी शिक्षिकाओं के प्रयासों से बच्चों का भविष्य उज्ज्वल हो रहा है। वे कहती हैं, “पहले लगता था कोई हमारी मेहनत नहीं देखता, पर अब सरकार हमारे साथ खड़ी है।” इससे शिक्षकों में नई ऊर्जा और जिम्मेदारी का भाव जागा है.
सिमरन कौर: अन्य शिक्षकों के लिए प्रेरणा
सिमरन केवल अपने स्कूल तक सीमित नहीं हैं। वे सोशल मीडिया पर अपने वीडियो साझा कर अन्य शिक्षकों को भी प्रेरित कर रही हैं। कई शिक्षक उनसे जुड़कर पूछते हैं कि वे कैसे इतना प्रभावी ढंग से पढ़ाती हैं। सिमरन अपने अनुभव साझा करती हैं क्योंकि उनका उद्देश्य है- हर सरकारी स्कूल में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाना. उनके इस खुले दिल वाले रवैये ने शिक्षा को एक सामाजिक मिशन में बदल दिया है.
सरकारी स्कूलों पर बढ़ता विश्वास
आज पंजाब के सरकारी स्कूलों पर लोगों का विश्वास लौट रहा है। मान सरकार के प्रयासों और सिमरन जैसी शिक्षिकाओं की मेहनत से यह बदलाव संभव हुआ है। अब सरकारी स्कूलों में न केवल बेहतर सुविधाएं हैं, बल्कि बच्चों को अपनी संस्कृति और जड़ों से जुड़ने की शिक्षा भी दी जा रही है। यदि हर शिक्षक इसी समर्पण से काम करे, तो पंजाब के सरकारी स्कूल देश के सर्वश्रेष्ठ स्कूलों में शामिल हो सकते हैं.
