राज्यपाल ने विवि के भवन निर्माण की गुणवत्ता को लेकर गंभीर चिंता जताई

रांची, 27 फरवरी (हि.स.)। राज्यपाल-सह-झारखंड राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति संतोष कुमार गंगवार ने नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय, पलामू के भवन निर्माण की गुणवत्ता को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उनके निर्देश पर गठित जांच समिति के जरिये समर्पित प्रतिवेदन में गंभीर अनियमितताएं पाई गई हैं। प्रतिवेदन के अनुसार निर्माण कार्यों की गुणवत्ता स्वीकृत प्राक्कलन के अनुरूप नहीं है तथा संवेदक की ओर से निम्न स्तर का कार्य किया गया है। झारखंड भवन निर्माण निगम के अभियंताओं एवं पदाधिकारियों की ओर से उचित अनुश्रवण के अभाव में यह स्थिति उत्पन्न हुई है।
राज्यपाल ने इस बात पर विशेष नाराज़गी व्यक्त की है कि विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों के बिना समुचित निरीक्षण के इस भवन को हस्तांतरित कर लिया गया, जबकि वहां पेयजल जैसी मूलभूत सुविधा का भी अभाव है। इस संदर्भ में उन्होंने झारखंड भवन निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक को एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर इस भवन निर्माण में पाई गई कमियों की गहन समीक्षा करने तथा बीओक्यू एवं एकरारनामा के अनुसार कार्यों में पाई गई विसंगतियों पर स्पष्ट प्रतिवेदन समर्पित करने का निर्देश दिया है।
राज्यपाल ने पलामू के कार्यपालक अभियंता, जेएसबीसीसीएल के जरिये मुख्यालय एवं विश्वविद्यालय को प्रस्तुत गलत प्रतिवेदन, जिसमें पेयजल व्यवस्था जैसी असत्य जानकारी दी गई, पर कड़ी नाराज़गी प्रकट करते हुए संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
इसके अतिरिक्त, राज्यपाल ने इस योजना के संवेदक मेसर्स छावडा एवं जेके इंजीनियरिंग की ओर से बीओक्यू के अनुरूप कार्य नहीं करने एवं निम्न स्तर का कार्य करने के लिए निगम को इनके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई करने को कहा है। साथ ही, झारखंड भवन निर्माण निगम के प्राक्कलन में 40 प्रतिशत की वृद्धि के संबंध में भी स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए हैं।
राज्यपाल-सह-कुलाधिपति ने नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलसचिव एवं अन्य अधिकारियों, जिनके प्रतिवेदन के आधार पर भवन का हस्तांतरण किया गया, जैसे डीन स्टूडेंट वेलफेयर, सीसीडीसी एवं प्रॉक्टर से भी स्पष्टीकरण मांगा है तथा उनके विरुद्ध कठोर प्रशासनिक कार्रवाई के लिए निदेशित किया है।
उल्लेखनीय है कि राज्यपाल को वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने गत 13 फरवरी को नीलाम्बर-पीताम्बर विश्वविद्यालय, पलामू के भवन निर्माण की गुणवत्ता के संदर्भ में शिकायत की थी। राज्यपाल ने इस पर त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन किया, जो स्थल निरीक्षण कर राज्यपाल के समक्ष अपना प्रतिवेदन समर्पित किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे