बिहार की राजनीति में नया चेहरा: मैथिली ठाकुर बनीं सबसे युवा विधायक
मैथिली ठाकुर की ऐतिहासिक जीत
नई दिल्ली: भाजपा की उम्मीदवार मैथिली ठाकुर ने अलीनगर विधानसभा क्षेत्र में शानदार जीत हासिल की है। उन्होंने राजद के विनोद मिश्रा को 11,730 मतों से हराया। इस जीत के साथ, मैथिली ठाकुर बिहार की सबसे युवा विधायक बन गई हैं।
सिर्फ 25 वर्ष की आयु में राजनीति में कदम रखने वाली मैथिली ठाकुर अब युवा नेताओं की सूची में शामिल हो गई हैं। इससे पहले भी कई युवा नेता कम उम्र में विधानसभा में पहुंच चुके हैं।
1. उमेद सिंह ने 1962 में राजस्थान के बारमेर से 25 वर्ष की उम्र में विधानसभा में प्रवेश किया।
2. अरुण वर्मा ने 2012 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर सुल्तानपुर सदर सीट से जीत हासिल की, उनकी उम्र उस समय 25 वर्ष थी।
3. आदित्य सूरजेवाला ने 2024 के विधानसभा चुनाव में कैथल सीट से जीतकर हरियाणा के सबसे युवा विधायक बनने का गौरव प्राप्त किया।
4. मायनमपल्ली रोहित ने 26 वर्ष की उम्र में चुनाव जीता, जहां उन्होंने पद्मा देवेंद्र रेड्डी को हराया।
5. रोहित रावसाहेब पाटिल ने भी 26 वर्ष की उम्र में महाराष्ट्र के तासगांव-कवठे महांकाल से चुनाव जीता।
बिहार को मिला युवा विधायक
मैथिली ठाकुर ने केवल 25 वर्ष की आयु में चुनाव जीतकर एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, उन्हें कुल 84,915 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी विनोद मिश्रा को 73,185 वोट मिले। इस प्रकार, मैथिली ने 11,730 वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की।
राजनीतिक विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि मैथिली की लोकप्रियता, सोशल मीडिया पर उनकी मजबूत उपस्थिति और युवा मतदाताओं के बीच उनकी खास पहचान ने उनकी जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मैथिली ठाकुर अपने गायन और लोक संगीत के कारण घर-घर में जानी जाती हैं, और यही पहचान उन्हें राजनीति में भी लाभ पहुंचा रही है। यदि वह इसी तरह जनता से जुड़े मुद्दों पर सक्रिय रहीं, तो भविष्य में वह बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान बना सकती हैं। उनकी जीत ने कई युवाओं को प्रेरित किया है, जिससे यह संदेश मिलता है कि युवा भी राजनीति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
