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बिहार चुनाव में अनंत सिंह की गिरफ्तारी: क्या मोकामा में बढ़ेगा राजनीतिक तनाव?

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले अनंत सिंह की गिरफ्तारी ने राजनीतिक हलचल को बढ़ा दिया है। दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में उनकी भूमिका की जांच चल रही है। अनंत सिंह ने अपने समर्थकों को भरोसा दिलाया है कि मोकामा की जनता उनके साथ है। इस मामले में राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ भी सामने आ रही हैं। जानें इस घटनाक्रम का पूरा विवरण और आगामी चुनावों पर इसका प्रभाव।
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बिहार चुनाव में अनंत सिंह की गिरफ्तारी: क्या मोकामा में बढ़ेगा राजनीतिक तनाव?

अनंत सिंह को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया


पटना: जन सुराज पार्टी के समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में मोकामा के पूर्व विधायक और जनता दल (यूनाइटेड) के उम्मीदवार अनंत कुमार सिंह को रविवार, 2 नवंबर को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। उनकी गिरफ्तारी ने बिहार विधानसभा चुनाव के पूर्व राजनीतिक हलचल को बढ़ा दिया है।


कोर्ट में पेशी के दौरान अनंत सिंह और उनके सहयोगी

अनंत सिंह को उनके दो सहयोगियों, मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम के साथ गिरफ्तार किया गया। तीनों को शनिवार को पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) के समक्ष पेश किया गया, जहां अदालत ने उन्हें दो सप्ताह की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। उनकी गिरफ्तारी 30 अक्टूबर को मोकामा में हुई हिंसक झड़प के बाद हुई, जिसमें जन सुराज पार्टी के 75 वर्षीय समर्थक दुलारचंद यादव की जान चली गई थी।


घटना की जांच में अनंत सिंह की भूमिका

पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा ने बताया कि जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि घटना अनंत सिंह की निगरानी में हुई। उन्होंने कहा, "साक्ष्यों, प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर, यह स्थापित हो गया कि घटना उम्मीदवार की मौजूदगी में हुई थी।"


राजनीतिक टकराव के दौरान हुई हिंसा

मोकामा विधानसभा क्षेत्र, जिसे राजनीतिक रूप से संवेदनशील माना जाता है, चुनाव प्रचार के दौरान हिंसक झड़प का गवाह बना। इस झड़प में कई लोग घायल हुए और एक व्यक्ति की मौत हो गई। पुलिस ने दोनों पक्षों के सदस्यों के खिलाफ सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने और आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन करने के मामले दर्ज किए हैं।


CID की जांच में शामिल

घटना के बाद, दो पुलिस अधिकारियों, घोसवारी के एसएचओ मधुसूदन कुमार और भदौर के एसएचओ रवि रंजन को कर्तव्य में लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया। इसके साथ ही, सीआईडी भी मामले की जांच में शामिल हो गई है और अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है।


अनंत सिंह का सोशल मीडिया संदेश

गिरफ्तारी के बाद, अनंत सिंह ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश जारी किया, जिसमें उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के समर्थन पर भरोसा जताया। उन्होंने कहा, "सत्यमेव जयते! मुझे मोकामा की जनता पर पूरा भरोसा है। इस बार, मोकामा की जनता ही चुनाव लड़ेगी।" उनके इस बयान ने क्षेत्र में राजनीतिक माहौल को और भी गर्म कर दिया है।


पीयूष प्रियदर्शी की प्रतिक्रिया

मोकामा से जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी ने अनंत सिंह की गिरफ्तारी का स्वागत किया, लेकिन कार्रवाई में देरी पर नाराजगी जताई। प्रियदर्शी ने कहा कि यह कार्रवाई पहले हो जानी चाहिए थी, क्योंकि हत्या की एफआईआर के बावजूद अनंत सिंह खुलेआम प्रचार कर रहे थे।


6 नवंबर को मतदान की तैयारी

मोकामा विधानसभा क्षेत्र में 6 नवंबर को पहले चरण में मतदान होना है। यहाँ जदयू के अनंत सिंह और राजद की वीणा देवी, पूर्व सांसद सूरजभान सिंह की पत्नी, के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी। दोनों प्रभावशाली भूमिहार समुदाय से आते हैं और यह मुकाबला बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के सबसे रोमांचक मुकाबलों में से एक माना जा रहा है।


बिहार में चुनावी प्रक्रिया

बिहार में 243 विधानसभा सीटों के लिए मतदान दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। मोकामा का चुनाव इस बार विशेष ध्यान का केंद्र है, क्योंकि यह राजनीतिक हिंसा और चुनावी दबदबे का प्रतीक बन चुका है।