रामपुर में चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता के लिए परिवार पर एफआईआर, जानें पूरा मामला
रामपुर में अनोखा मामला
रामपुर: उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में एक अनोखा मामला सामने आया है। मतदाता सूची को अपडेट करने के लिए जमा किए गए फॉर्म में गलत जानकारी देने के आरोप में एक पूरे परिवार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है। यह कदम मतदाता सूची की पारदर्शिता को सुनिश्चित करने और चुनावी प्रक्रियाओं में किसी भी प्रकार की हेरफेर को रोकने के लिए उठाया गया है।
एफआईआर का कारण
एक सुपरवाइजर ने शिकायत की कि नूरजहां नाम की महिला ने अपने दो बेटों आमिर खान और दानिश खान के लिए फॉर्म भरा था। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि दोनों बेटे कई वर्षों से दुबई और कुवैत में रह रहे हैं, फिर भी फॉर्म में उन्हें स्थानीय निवासी बताया गया। इसके अलावा, फॉर्म पर उनके जाली हस्ताक्षर भी पाए गए।
यह अनियमितता तब उजागर हुई जब बूथ लेवल अधिकारी (BLO) ने दस्तावेजों का मिलान किया। शिकायत के आधार पर बीएनएस एक्ट और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 31 के तहत पूरे परिवार पर एफआईआर दर्ज की गई है।
प्रशासन की कड़ी कार्रवाई
रामपुर के जिला मजिस्ट्रेट अजय कुमार द्विवेदी ने इस मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि मतदाता सूची से संबंधित गलत जानकारी देना एक गंभीर अपराध है। उन्होंने बताया कि विशेष गहन पुनरीक्षण पूरी पारदर्शिता के साथ किया जा रहा है। किसी भी प्रकार की गलत जानकारी या दोहरी प्रविष्टि चुनावी नियमों का उल्लंघन है, जिसके लिए कड़ी कानूनी कार्रवाई आवश्यक है।
डीएम ने कहा कि इस तरह की गलत प्रविष्टियाँ चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता को प्रभावित करती हैं, इसलिए प्रशासन इसे लेकर शून्य सहनशीलता की नीति अपना रहा है।
मतदाता के लिए आवश्यक निर्देश
- अधिकारियों ने मतदाताओं के लिए स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं।
- फॉर्म केवल वास्तविक निवास स्थान से ही जमा करें।
- झूठी जानकारी देना या पहचान छिपाना कानूनन दंडनीय है।
- एक ही व्यक्ति का नाम एक से अधिक स्थानों पर जोड़ने की कोशिश करना अपराध है।
- अगर कोई गलती हो गई है, तो तुरंत बीएलओ से संपर्क कर उसे सुधारा जा सकता है।
ये निर्देश सुनिश्चित करते हैं कि मतदाता सूची सटीक और त्रुटिरहित हो, ताकि चुनावों में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की गुंजाइश न रहे।
पारदर्शी चुनावी प्रक्रिया की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
रामपुर में दर्ज की गई यह एफआईआर अन्य जिलों और राज्यों के लिए एक सख्त संदेश है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि मतदाता रिकॉर्ड में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह कार्रवाई चुनाव आयोग के प्रयासों का हिस्सा है, जो निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
