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हैदराबाद में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी से अभिभावक परेशान

हैदराबाद में कई अभिभावक प्राइवेट स्कूलों के मनमानी रवैये से चिंतित हैं। स्कूल फीस बढ़ाने, विशेष दुकानों से सामान खरीदने का दबाव और अन्य शुल्कों की वसूली कर रहे हैं। अभिभावक अपनी समस्याओं का समाधान नहीं खोज पा रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक और मानसिक स्थिति पर असर पड़ रहा है। शिक्षा विभाग की अनदेखी से स्थिति और भी गंभीर हो गई है। जानें इस मुद्दे पर और क्या हो रहा है।
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हैदराबाद में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी से अभिभावक परेशान

प्राइवेट स्कूलों की मनमानी

हैदराबाद में कई माता-पिता इन दिनों निजी स्कूलों के व्यवहार से अत्यंत चिंतित हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ प्राइवेट स्कूल पूरी तरह से मनमानी पर उतर आए हैं और अभिभावकों की शिकायतों को अनसुना कर रहे हैं। उनका रवैया ऐसा है जैसे वे कह रहे हों, "आप शिकायत करते रहिए, हमारे नियम ही लागू होंगे!" फीस में वृद्धि, विशेष दुकानों से यूनिफॉर्म या किताबें खरीदने का दबाव, और पढ़ाई के अलावा अन्य शुल्कों की वसूली - कई स्कूल अपनी मर्जी से नियम बना रहे हैं और उन्हें सख्ती से लागू कर रहे हैं। जब अभिभावक इन मुद्दों पर स्कूल प्रशासन से बात करने की कोशिश करते हैं, तो अक्सर उन्हें टाल दिया जाता है या फिर सीधे कहा जाता है कि नियमों का पालन करना अनिवार्य है। इस प्रकार के अहंकारी और कठोर रवैये से अभिभावक खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि वे कहाँ जाएँ और अपनी समस्याओं का समाधान कैसे करें। शिक्षा विभाग या संबंधित अधिकारियों की कमी भी इन स्कूलों को और अधिक दबंग बना रही है। यह स्थिति न केवल अभिभावकों पर आर्थिक और मानसिक दबाव डाल रही है, बल्कि यह शिक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और जवाबदेही पर भी सवाल उठाती है। यह आवश्यक है कि इन स्कूलों की मनमानी पर नियंत्रण लगाया जाए और अभिभावकों की वास्तविक चिंताओं को सुना और हल किया जाए।