शिवलिंग पर चढ़े प्रसाद के नियम: क्या खा सकते हैं?
शिव पुराण से जुड़े नियम
शिवलिंग पर चढ़े प्रसाद का महत्व
हिंदू धर्म में पूजा के समय भोग अर्पित करने का विशेष महत्व होता है। देवी-देवताओं को चढ़ाए गए भोग को प्रसाद के रूप में ग्रहण करना शुभ माना जाता है। शिवलिंग के प्रसाद के संबंध में शिव पुराण में कुछ महत्वपूर्ण नियम बताए गए हैं। आइए जानते हैं शिवलिंग के प्रसाद से जुड़े कुछ आवश्यक नियम।
प्रसाद का समर्पण
शिव पुराण के अनुसार, शिवलिंग पर अर्पित प्रसाद चण्डेश्वर को समर्पित होता है, जो भगवान शिव के एक गण माने जाते हैं। चण्डेश्वर को भूत-प्रेतों का प्रधान माना जाता है, इसलिए यह माना जाता है कि शिवलिंग पर चढ़ाए गए प्रसाद को ग्रहण करने से व्यक्ति को अशुभ परिणाम मिल सकते हैं।
क्या खा सकते हैं?
नियमों के अनुसार, चांदी, तांबे या पीतल से बने शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद ग्रहण करना शुभ माना जाता है। पारद शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद भी शुभ होता है। हालांकि, मिट्टी, पत्थर या चीनी मिट्टी के शिवलिंग पर चढ़े प्रसाद को ग्रहण करने से बचना चाहिए। शिवलिंग के पास रखे प्रसाद को खाया जा सकता है।
गलतियों से बचें
प्रसाद का अपमान नहीं करना चाहिए और इसे इधर-उधर नहीं डालना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति पाप का भागीदार बन सकता है। जूठा प्रसाद किसी को नहीं देना चाहिए, अन्यथा अशुभ परिणाम मिल सकते हैं। शिवलिंग पर हमेशा सात्विक चीजें जैसे फल, दूध, मिठाई आदि अर्पित करनी चाहिए।
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