गंभीर की रणनीति: इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के बाद इन दो खिलाड़ियों को संन्यास लेने के लिए मजबूर करेंगे

इंग्लैंड टेस्ट सीरीज में भारत की स्थिति

गंभीर: भारत और इंग्लैंड (IND vs ENG) के बीच चल रही 5 मैचों की टेस्ट श्रृंखला एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है। हाल ही में भारत को लॉर्ड्स में 22 रन से हार का सामना करना पड़ा, जिससे टीम प्रबंधन को कड़े निर्णय लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। वर्तमान में भारत श्रृंखला में 2-1 से पीछे है। इस श्रृंखला में दो खिलाड़ियों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है, और यह संभावना है कि वे टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले सकते हैं। आइए जानते हैं वे कौन से खिलाड़ी हैं।
करुण नायर का निराशाजनक प्रदर्शन
करुण नायर ने 6 पारियों में महज़ 131 रन बनाए
करुण नायर का करियर एक समय बहुत उज्ज्वल था, खासकर 2016 में इंग्लैंड के खिलाफ तिहरा शतक (303*) बनाने के बाद। लेकिन उसके बाद से उनका प्रदर्शन लगातार गिरता गया है। वर्तमान श्रृंखला में उन्होंने 6 पारियों में केवल 131 रन बनाए हैं, और उनका औसत 21.83 है। जब टीम को उनकी बड़ी पारी की आवश्यकता थी, तब वे लगातार असफल रहे।
जडेजा की स्थिति
जडेजा की गेंदबाजी में कमी और उम्र का प्रभाव
दूसरा खिलाड़ी जो अपनी जगह को लेकर असुरक्षित महसूस कर रहा है, वह रवींद्र जडेजा हैं। हालांकि, आंकड़ों के अनुसार, जडेजा का प्रदर्शन इंग्लैंड दौरे पर अच्छा रहा है — उन्होंने अब तक 327 रन बनाए हैं, जो 109 के औसत से हैं, और चार अर्धशतक भी बनाए हैं।
लेकिन उनकी गेंदबाजी में कमी और उम्र को देखते हुए चयनकर्ता उनके विकल्पों की तलाश कर रहे हैं। कोचिंग स्टाफ और चयनकर्ताओं के बीच यह विचार बन रहा है कि भारत को अपने ऑलराउंड विकल्पों में युवा और आक्रामक रणनीति अपनानी चाहिए।
गंभीर की स्पष्ट सोच
गंभीर की सोच हमेशा से स्पष्ट रही है
गौतम गंभीर जैसे पूर्व खिलाड़ी और वर्तमान कोचिंग पैनल में उनका बढ़ता प्रभाव ऐसे निर्णयों को और सख्त बना रहा है। गंभीर का मानना है कि जो खिलाड़ी लगातार असफल होते हैं, उन्हें भविष्य की योजनाओं में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।
भविष्य की रणनीति
टीम इंडिया की जर्सी पहनना मुश्किल हो सकता है
भारत और इंग्लैंड की टेस्ट श्रृंखला केवल खिलाड़ियों के प्रदर्शन का ही नहीं, बल्कि भविष्य की रणनीति को आकार देने का भी एक मंच बन गई है। नायर की निरंतर असफलता और जडेजा की उम्र और अनुभव के बावजूद, दोनों खिलाड़ियों को भारतीय टीम से बाहर किया जा सकता है। यदि गंभीर की सोच को आधार माना जाए, तो इन दोनों को दोबारा टीम इंडिया की जर्सी पहनने का मौका मिलना कठिन हो सकता है।