लड्डू गोपाल को दिन में एक बार सुलाएं।
रात को भी लड्डू गोपाल को सुलाएं।
रात को गुनगुने दूध का भोग लगाएं। चांदी के बर्तन का इस्तेमाल करें।
लड्डू गोपाल को सुलाने पर शयन कक्ष का परदा लगाएं।
पहले लड्डू गोपाल को सुलाकर फिर खुद सोएं।
भोग लगाने के 20 मिनट बाद ही सुलाएं।
सर्दी में कंबल, गर्मी में कूलर पंखा चलाएं।