पूर्वजों की शांति के लिए अमावस्या को पूजा करें।
पीपल के पेड़ के नीचे तिल के तेल का दीपक जलाएं।
घर की दक्षिण दिशा में तिल सरसों के तेल में भिगोकर रखें।
श्रीमद्भागवत कथा या स्तोत्र का पाठ करें।
विष्णु पूजन करें और घर में शुभता का आगमन मनाएं।
गाय, कौआ, कुत्ता, चिड़िया को भोजन प्रदान करें।
पितृ स्तोत्र का पाठ करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।