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नेपाल और चीन के बीच हुए समझौते से सत्तारूढ़ गठबंधन में विवाद

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नेपाल और चीन के बीच हुए समझौते से सत्तारूढ़ गठबंधन में विवाद


काठमांडू, 27 फरवरी (हि.स.)। नेपाल और चीन के बीच हुए जनजातीय क्षेत्र में संबंधों को मजबूत करने और सहयोग बढ़ाने संबंधी समझौते से सत्तारूढ़ गठबंधन में विवाद हो गया है। यह समझौता नेपाल दौरे पर आए चीन के जनजातीय मामलों के मंत्री पान यू और नेपाल के राष्ट्रीय आदिवासी जनजाति आयोग के अध्यक्ष राम बहादुर थापामगर के बीच हुआ है।

इस समझौते को सोमवार को कैबिनेट की बैठक में स्वीकृति दी गई और इसके लिए राष्ट्रीय आदिवासी जनजाति आयोग को अधिकृत किया गया। सरकार ने बुधवार सुबह को इसे सार्वजनिक किया। कैबिनेट बैठक में सहभागी कानूनमंत्री अजय चौरसिया ने कैबिनेट की फैसले में चीन के साथ समझौता किए जाने की जानकारी मीडिया से मिलने पर आश्चर्य व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि इस बारे में न तो प्रधानमंत्री और ना ही विभागीय मंत्री के तरफ से कोई जानकारी दी गई थी।

कानून मंत्री अजय चौरसिया ने कहा कि कांग्रेस के किसी भी मंत्री को इसकी जानकारी नहीं है। सरकार में गृहमंत्री रहे नेपाली कांग्रेस के नेता रमेश लेखक ने भी इस बारे में अनभिज्ञता व्यक्त की है। सोमवार की कैबिनेट की बैठक में गृहमंत्री लेखक की भी उपस्थिति थी। उन्होंने कहा कि चीन के साथ होने वाले समझौते की बात तो दूर उन्हें चीन के मंत्री की नेपाल भ्रमण तक की कोई जानकारी नहीं थी। वह जानकारी भी मीडिया से मिली।

नेपाली कांग्रेस के महामंत्री गगन थापा ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि पार्टी की बैठक बुलाकर इस विषय पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ओली यदि सत्तारूढ़ गठबंधन के साथ विचार- विमर्श किए बिना ही इस तरह के फैसले करते रहे तो आने वाले दिन में इस गठबंधन के विषय में कोई न कोई फैसला लेना होगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास