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Pearl Harbor Day: अमेरिका की यादों में बसी एक काली सुबह

Every year on December 7, the United States observes National Pearl Harbor Remembrance Day, a day dedicated to honoring the brave souls lost during the tragic attack in 1941. This article delves into the events of that fateful day, the significant loss of life, and the lasting impact on global politics and warfare. It also highlights the importance of remembering this day for future generations and the ceremonies held across the nation to pay tribute to those who sacrificed their lives. Discover how this day has become a symbol of reconciliation and peace worldwide.
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Pearl Harbor Day: अमेरिका की यादों में बसी एक काली सुबह

पर्ल हार्बर रिमेम्बरेंस डे का महत्व


हर साल 7 दिसंबर को अमेरिका में नेशनल पर्ल हार्बर रिमेम्बरेंस डे मनाया जाता है। यह दिन न केवल एक दुखद घटना की याद दिलाता है, बल्कि उन साहसी व्यक्तियों को भी श्रद्धांजलि देता है जिन्होंने 1941 में इस दिन अपनी जान गंवाई।


7 दिसंबर, 1941 की सुबह, हवाई का पर्ल हार्बर सामान्य रूप से शांत था, लेकिन कुछ ही मिनटों में सब कुछ बदल गया। जापानी लड़ाकू विमानों ने अचानक अमेरिकी पैसिफिक बेड़े पर हमला कर दिया। यह हमला इतना तीव्र और अप्रत्याशित था कि अमेरिकी सेना को संभलने का मौका भी नहीं मिला। एक सामान्य रविवार की सुबह युद्ध के मैदान में तब्दील हो गई।


हमले में हुई जान-माल की हानि

इस भयानक हमले में 2,403 अमेरिकी सैनिक और नागरिकों की जान गई, जबकि 1,178 लोग घायल हुए। कई नौसेना के युद्धपोत, विशेषकर बैटलशिप और डिस्ट्रॉयर, या तो डूब गए या गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए। पर्ल हार्बर में मौजूद नौ अमेरिकी बैटलशिप्स में से आठ को भारी नुकसान हुआ, जिससे पैसिफिक फ्लीट की ताकत पर गहरा असर पड़ा।


यह हमला केवल एक सैन्य हार नहीं थी; इसने वैश्विक राजनीति और युद्ध की दिशा को भी बदल दिया। अगले दिन, अमेरिकी राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट ने इसे "a date which will live in infamy" कहते हुए घोषणा की कि अमेरिका अब द्वितीय विश्व युद्ध में आधिकारिक रूप से शामिल हो गया है। इस निर्णय ने युद्ध के वैश्विक परिदृश्य को पूरी तरह से बदल दिया।


पर्ल हार्बर रिमेम्बरेंस डे का उद्देश्य

हमले के लगभग 50 साल बाद, 1994 में अमेरिकी कांग्रेस ने 7 दिसंबर को आधिकारिक रूप से पर्ल हार्बर रिमेम्बरेंस डे के रूप में मान्यता दी, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ इस घटना के महत्व और इसमें खोए गए जीवन की कीमत को कभी न भूलें। आज भी कुछ जीवित सर्वाइवर्स, जो अब लगभग सौ वर्ष के हैं, यह उम्मीद करते हैं कि उनका देश युद्ध की असली कीमत, बलिदान और शांति के महत्व को हमेशा याद रखे।


आज, 84 साल बाद भी, अमेरिका के विभिन्न हिस्सों में स्मृति समारोह आयोजित होते हैं। हवाई के मेमोरियल स्थल पर सूर्योदय के साथ श्रद्धांजलि दी जाती है, झंडे आधे झुकाए जाते हैं, और सैनिक, उनके परिवार, सर्वाइवर्स तथा नागरिक मिलकर उस दिन को याद करते हैं जिसने इतिहास को नया मोड़ दिया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी यह दिन सुलह और शांति का प्रतीक बन चुका है।