क्या अमेरिका H-1B वीजा को खत्म करने जा रहा है? जानें इसके पीछे की वजहें
अमेरिका का नया विधेयक: H-1B वीजा पर खतरा
नई दिल्ली: अमेरिका एक बार फिर भारत को बड़ा झटका देने की योजना बना रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी संसद में एक नया विधेयक लाने की तैयारी कर रही है, जिसका मुख्य उद्देश्य H-1B वीजा को समाप्त करना है। हाल ही में, अमेरिका ने H-1B वीजा की फीस में भारी वृद्धि की थी, जिससे भारतीयों के लिए इसे प्राप्त करना और भी कठिन हो गया था। अब इसे पूरी तरह से खत्म करने की योजना भारतीय पेशेवरों के लिए चिंता का विषय बन गई है।
H-1B वीजा के दुरुपयोग का आरोप
रिपब्लिकन सांसद मार्जोरी टेलर ग्रीन ने कहा कि उनका लक्ष्य अमेरिकी कर्मचारियों के विस्थापन को रोकना है। उन्होंने अमेरिकी कंपनियों पर H-1B वीजा के दुरुपयोग का आरोप लगाया है और कहा कि इसे समाप्त करने का समय आ गया है।
H-1B वीजा भारतीयों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि बड़ी संख्या में भारतीय आईटी, टेक, इंजीनियरिंग और चिकित्सा क्षेत्रों में इसी वीजा के माध्यम से अमेरिका में कार्यरत हैं। यह वीजा आगे चलकर ग्रीन कार्ड और नागरिकता का मार्ग भी प्रशस्त करता है। इसलिए इस कार्यक्रम को समाप्त करने का प्रयास भारतीय पेशेवरों के लिए नकारात्मक संकेत है।
अमेरिकी कंपनियों पर गंभीर आरोप
मार्जोरी टेलर ग्रीन ने अमेरिकी कंपनियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि बड़ी टेक कंपनियां, एआई उद्योग, अस्पताल और अन्य क्षेत्रों में अपने देश के नागरिकों की नौकरियां छीनकर H-1B वीजा का दुरुपयोग कर रही हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि अमेरिकी लोग दुनिया के सबसे प्रतिभाशाली हैं, इसलिए कंपनियों को पहले अपने नागरिकों को अवसर देना चाहिए।
छूट का स्थायी न होना
प्रस्तावित विधेयक में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि तकनीक, स्वास्थ्य सेवाएं, इंजीनियरिंग, विनिर्माण और अन्य प्रमुख उद्योगों में केवल अमेरिकी नागरिकों को प्राथमिकता दी जाएगी। उनका कहना है कि अगर हम चाहते हैं कि अगली पीढ़ी अमेरिकी सपने को साकार करे, तो हमें उन्हें बदलना बंद करना होगा और उनमें निवेश करना शुरू करना होगा।
हालांकि, विधेयक में डॉक्टर, नर्स और अन्य चिकित्सा कर्मियों के लिए हर साल 10,000 वीजा देने की अनुमति होगी, लेकिन यह छूट भी स्थायी नहीं होगी। ग्रीन का कहना है कि जैसे-जैसे अमेरिका अपने डॉक्टरों और स्वास्थ्य सेवाओं की टीम को मजबूत करेगा, यह संख्या भी 10 साल में समाप्त कर दी जाएगी।
