गंगा में तैरता पत्थर: चमत्कार या विज्ञान?

गंगा नदी में अद्भुत दृश्य
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में गंगा नदी के किनारे एक अनोखा दृश्य देखने को मिला, जब एक बड़ा पत्थर पानी की सतह पर तैरता हुआ नजर आया। इस असामान्य घटना का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर तेजी से वायरल हो गया, जिसे 98,700 से अधिक बार देखा गया। वीडियो में नदी के किनारे खड़े लोग इस विशाल पत्थर को आश्चर्य से देख रहे थे, जो लहरों पर आसानी से तैर रहा था।
श्रद्धालुओं की पूजा
चमत्कार समझकर लोगों ने शुरू की पूजा
पत्थर के तैरने की खबर फैलते ही कई श्रद्धालुओं ने इसे ईश्वरीय चमत्कार मानकर पूजा करना शुरू कर दिया। कुछ लोगों ने इसे हिंदू पौराणिक कथाओं से जोड़ा और कहा कि यह पत्थर त्रेता युग से संबंधित हो सकता है या भगवान विष्णु और शिव का प्रतीक है। स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर उत्साह और श्रद्धा का माहौल देखा गया। कईयों ने इसे दैवीय हस्तक्षेप का प्रमाण बताया।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण
वैज्ञानिक व्याख्या
हालांकि, सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने इस घटना को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझाने की कोशिश की। उनका कहना है कि यह पत्थर संभवतः प्यूमिस (pumice) हो सकता है, जो ज्वालामुखीय लावा से बनता है और इसमें हवा के बुलबुले होते हैं, जिसके कारण यह पानी पर तैरता है। कई यूजर्स ने टिप्पणी की, “प्यूमिस पत्थर पानी में तैर सकते हैं।”
सोशल मीडिया पर बहस
सोशल मीडिया पर बहस
इस घटना पर ऑनलाइन समुदाय में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग इसे चमत्कार मानकर श्रद्धा व्यक्त कर रहे हैं, जबकि अन्य वैज्ञानिक तर्कों के साथ इसे सामान्य प्राकृतिक घटना बता रहे हैं। वीडियो ने व्यापक चर्चा को जन्म दिया, जिसमें लोग अपनी राय और सिद्धांत साझा कर रहे हैं। यह घटना आस्था और विज्ञान के बीच एक रोचक बहस का केंद्र बन गई है.