डोनाल्ड ट्रंप का H-1B वीज़ा पर नया रुख: अमेरिका को विदेशी प्रतिभाओं की आवश्यकता
अमेरिका में विदेशी प्रतिभाओं की आवश्यकता
नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीज़ा योजना का समर्थन करते हुए कहा है कि अमेरिका को कुछ विशेष क्षेत्रों में कुशल व्यक्तियों की आवश्यकता है। यह बयान उनकी पूर्व नीति में एक अप्रत्याशित बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। ट्रंप ने फॉक्स न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में बताया कि अमेरिका जटिल उत्पादन और रक्षा जैसे क्षेत्रों में केवल लंबे समय से बेरोजगार अमेरिकियों को प्रशिक्षित करके इन पदों के लिए तैयार नहीं कर सकता।
प्रतिभाशाली विदेशी पेशेवरों की आवश्यकता
प्रतिभाशाली विदेशी पेशेवरों की जरूरत
ट्रंप ने कहा कि अमेरिका को दुनिया भर से प्रतिभाशाली लोगों को लाने की आवश्यकता है। जब उनसे पूछा गया कि क्या अमेरिका में पर्याप्त प्रतिभा नहीं है, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, "नहीं, नहीं है। कुछ विशेष प्रतिभाएं नहीं मिलतीं और लोगों को सीखना पड़ता है।" इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था और तकनीकी उद्योग में विदेशी प्रतिभाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
H-1B वीज़ा शुल्क में वृद्धि
H-1B वीज़ा शुल्क में वृद्धि
सितंबर 2025 में ट्रंप प्रशासन ने 'Restriction on Entry of Certain Nonimmigrant Workers' शीर्षक के तहत H-1B वीज़ा कार्यक्रम में बड़े सुधार की दिशा में कदम उठाया। इसके अंतर्गत 21 सितंबर 2025 के बाद दाखिल किए गए नए H-1B वीज़ा आवेदनों के लिए 1 लाख अमेरिकी डॉलर अतिरिक्त शुल्क का प्रावधान किया गया। अमेरिकी विदेश विभाग ने स्पष्ट किया कि यह नया शुल्क केवल उन आवेदनों पर लागू होगा जो H-1B लॉटरी में दाखिला लेने वाले नए उम्मीदवारों के लिए हैं।
भारतीय पेशेवरों पर प्रभाव
भारतीय पेशेवरों के लिए प्रभाव
भारतीय पेशेवर, विशेषकर तकनीकी और चिकित्सा क्षेत्र के कर्मचारी, H-1B वीज़ा धारकों में सबसे बड़े समूह हैं। इस नीति के तहत वर्तमान वीज़ा धारक और 21 सितंबर 2025 से पहले दाखिल किए गए आवेदन इससे प्रभावित नहीं होंगे। नई नीति से अमेरिकी कंपनियों और उम्मीदवारों के लिए वित्तीय बोझ बढ़ जाएगा, लेकिन ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि प्रतिभाशाली विदेशी कर्मचारियों की आवश्यकता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
नीति में बदलाव का उद्देश्य
नीति में बदलाव का उद्देश्य
विशेषज्ञों के अनुसार, ट्रंप प्रशासन का उद्देश्य H-1B वीज़ा कार्यक्रम को सुधारना और इसे अधिक निष्पक्ष बनाना है। अमेरिकी तकनीकी उद्योग और रक्षा क्षेत्रों में विदेशी विशेषज्ञों की आवश्यकता को देखते हुए यह कदम आवश्यक माना जा रहा है। इस नीति के साथ, अमेरिका वैश्विक प्रतिभाओं को आकर्षित करने के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की कोशिश कर रहा है, ताकि विदेशी कर्मचारियों और अमेरिकी उद्योग के बीच तालमेल सुनिश्चित किया जा सके।
