पाकिस्तान के नए चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज: असीम मुनीर की शक्ति में वृद्धि
नई नियुक्ति से बढ़ी मुनीर की ताकत
नई दिल्ली: फील्ड मार्शल असीम मुनीर को एक महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त किया गया है, जिसने उन्हें पाकिस्तान का सबसे प्रभावशाली सैन्य अधिकारी बना दिया है। इस नई भूमिका के साथ उनकी शक्ति में वृद्धि हुई है, और अब उन्हें पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम पर सीधा नियंत्रण प्राप्त हो गया है।
पाकिस्तान की राजनीतिक और सैन्य संरचना में बदलाव
शहबाज शरीफ की सरकार द्वारा की गई यह नियुक्ति पाकिस्तान के राजनीतिक और सैन्य ढांचे में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की स्वीकृति के बाद, मुनीर को पाकिस्तान के पहले चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (CDF) के रूप में 5 साल का कार्यकाल दिया गया है। अब वे थल सेना, नौसेना और वायुसेना की शीर्ष कमान संभालते हैं।
न्यूक्लियर पावर पर नियंत्रण
न्यूक्लियर पावर का कंट्रोल के मालिक
CDF का पद मुनीर को तीनों सैन्य शाखाओं पर अधिकार देता है, साथ ही यह नेशनल स्ट्रैटेजिक कमांड की निगरानी भी सौंपता है। यह वही संस्था है जो पाकिस्तान के परमाणु हथियारों और मिसाइल सिस्टम का प्रबंधन करती है। इस अधिकार के साथ, मुनीर अब पाकिस्तान की न्यूक्लियर ताकत के पूर्ण नियंत्रक बन गए हैं।
कानूनी सुरक्षा का लाभ
राष्ट्रपति जैसी कानूनी सुरक्षा भी मिली
फील्ड मार्शल के रूप में उनकी नियुक्ति के साथ, मुनीर को वही कानूनी इम्युनिटी प्राप्त हुई है जो राष्ट्रपति को दी जाती है। इसका मतलब है कि उन पर जीवनभर कोई मुकदमा नहीं चलाया जा सकेगा। यह सुरक्षा पाकिस्तान के नौसेना और वायुसेना प्रमुखों को भी प्रदान की गई है।
सैन्य शासन का इतिहास
पाकिस्तान में सैन्य शासन का इतिहास
पाकिस्तान में 1947 से सेना और नागरिक शासन के बीच सत्ता की खींचतान चलती आ रही है। जनरल परवेज मुशर्रफ अंतिम सैन्य नेता थे, जिन्होंने 1999 में तख्तापलट कर सत्ता संभाली और 2008 तक राष्ट्रपति रहे। हालांकि उसके बाद से नागरिक प्रशासन सत्ता में है, लेकिन सेना का प्रभाव कभी कम नहीं हुआ।
नए पद का गठन
पाक के सबसे शक्तिशाली सैन्य अधिकारी
चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज का पद हाल ही में संविधान के 27वें संशोधन के तहत बनाया गया है, जिसका उद्देश्य सैन्य कमान को केंद्रीकृत करना था। इस नए पद के गठन के साथ, चेयरमैन, जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (CJCSC) को समाप्त कर दिया गया है। फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नति के बाद, मुनीर अब COAS और CDF दोनों ही पद संभालेंगे। इससे वे उन कुछ चुनिंदा अधिकारियों में शामिल हो गए हैं जिनके पास पाकिस्तान की सैन्य और रणनीतिक शक्ति का अधिकतम नियंत्रण है।
