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पाकिस्तान में लश्कर और जैश की नई साजिश: भारत के खिलाफ बढ़ी सुरक्षा चिंताएं

पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद एक बार फिर भारत के खिलाफ साजिशें रचने की तैयारी में हैं। हाल ही में बहावलपुर में एक धार्मिक जलसे के दौरान इन संगठनों के प्रमुख आतंकियों की गुप्त बैठक हुई, जिसमें महिला जिहादियों की भी उपस्थिति बताई जा रही है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने इस बैठक के बाद सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी है। एजेंसियों का मानना है कि यह मुलाकात भारत के खिलाफ किसी नई आतंकी योजना का हिस्सा हो सकती है। जानें इस मामले में और क्या जानकारी मिली है।
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पाकिस्तान में लश्कर और जैश की नई साजिश: भारत के खिलाफ बढ़ी सुरक्षा चिंताएं

भारत के खिलाफ आतंकी साजिशों की तैयारी


नई दिल्ली: पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी समूह लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) एक बार फिर भारत के खिलाफ साजिशें रचने की योजना बना रहे हैं। हाल ही में बहावलपुर में एक धार्मिक जलसे के दौरान इन संगठनों के प्रमुख आतंकियों की गुप्त बैठक की जानकारी मिली है। इस बैठक में महिला जिहादियों की भी उपस्थिति बताई जा रही है, जिससे भारतीय सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह से सतर्क हो गई हैं और सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।


धार्मिक जलसे में आतंकी गतिविधियों का संदेह

सूत्रों के अनुसार, लश्कर-ए-तैयबा का उप प्रमुख सैफुल्लाह कसूरी हाल ही में बहावलपुर में एक बड़े धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुआ था। इस आयोजन का नाम 'सीरत-ए-नबी (PBUH) और सहीह बुखारी' था, जो जामिया उम्म अब्दुल अजीज में आयोजित किया गया। हालांकि यह कार्यक्रम धार्मिक था, लेकिन इसमें कई ऐसे चेहरे शामिल थे जो आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त रहे हैं।


कहा जा रहा है कि इसी दौरान कसूरी ने जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर से भी मुलाकात की। बहावलपुर को मसूद अजहर का गढ़ माना जाता है, और वह अक्सर यहीं पर अपने संगठन की रणनीतियों को तैयार करता है। सूत्रों का कहना है कि कसूरी और मसूद की मुलाकातें हमेशा किसी न किसी आतंकी गतिविधि के साथ जुड़ी रही हैं।


नई आतंकी योजनाओं की आशंका

सुरक्षा एजेंसियों को संदेह है कि बहावलपुर में हुई यह मुलाकात भारत के खिलाफ किसी नई और बड़ी आतंकी योजना का हिस्सा हो सकती है। जलसे में महिला जिहादियों की उपस्थिति को लेकर भी खुफिया एजेंसियां चिंतित हैं, क्योंकि उन्हें भविष्य की आतंकी गतिविधियों में किसी विशेष भूमिका के लिए शामिल किया जा सकता है।


धार्मिक कार्यक्रमों की आड़ में आतंकी संगठन अपने नेटवर्क को मजबूत करने का प्रयास करते रहे हैं, और इस बार भी ऐसा ही संकेत मिल रहा है। इस गुप्त बैठक ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सावधानी बढ़ाने की आवश्यकता है।


सुरक्षा एजेंसियों की तैयारियां

कसूरी और मसूद अजहर की मुलाकात की खबर के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। एजेंसियों का मानना है कि जब भी ये दोनों आतंकवादी नेता मिलते हैं, भारत को निशाना बनाने की कोशिशें तेज हो जाती हैं। इसलिए इस बार किसी भी चूक से बचने के लिए सभी संबंधित एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है।


सीमा पर तैनात बलों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं, और पाकिस्तान की ओर से होने वाली किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई करने का आदेश भी दिया गया है। सुरक्षा एजेंसियों का ध्यान विशेष रूप से उन क्षेत्रों पर है, जहां से पहले भी घुसपैठ या आतंकी गतिविधियों के संकेत मिले हैं।


एजेंसियों का उद्देश्य

भारतीय खुफिया तंत्र का मानना है कि यह पूरी आतंकी गतिविधियों का सेटअप पहले से तय योजना का हिस्सा है। ऐसे में किसी भी संभावित साजिश को समय रहते नाकाम करना सबसे बड़ी प्राथमिकता है। लगातार निगरानी, खुफिया जानकारी इकट्ठा करने और सीमाई रणनीति को मजबूत करने पर तेजी से काम किया जा रहा है।


सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि यदि भारत के खिलाफ कोई साजिश तैयार हो रही है, तो उसे शुरुआती स्तर पर ही रोकना बेहद आवश्यक है, ताकि दुश्मन देश की योजना सफल न हो सके।