बेनिन में राजनीतिक संकट: सेना ने राष्ट्रपति को हटाया, क्या है आगे की स्थिति?
बेनिन में अचानक राजनीतिक उथल-पुथल
पश्चिम अफ्रीका का देश बेनिन रविवार को एक गंभीर राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है। सेना के एक समूह ने सरकारी टेलीविजन पर कब्जा कर खुद को 'मिलिट्री कमिटी फॉर रिफाउंडेशन' घोषित किया और राष्ट्रपति पैट्रिस तलोन को सत्ता से हटा दिया।
देश में तनाव और भ्रम का माहौल
जैसे ही टीवी पर यह घोषणा की गई, राष्ट्रीय प्रसारण नेटवर्क, टीवी और रेडियो दोनों को बंद कर दिया गया, जिससे पूरे देश में तनाव और भ्रम फैल गया। फ्रांस के दूतावास ने राजधानी कोटोनू में राष्ट्रपति आवास के निकट गोलीबारी की आवाजें सुनी जाने की सूचना दी है। दूतावास ने फ्रांसीसी नागरिकों को सतर्क रहने और अपने घरों में रहने की सलाह दी है।
राष्ट्रपति कार्यालय का बयान
हालांकि, राष्ट्रपति तलोन के कार्यालय ने स्थिति को अलग तरीके से पेश किया है। उनका कहना है कि राष्ट्रपति सुरक्षित हैं और विद्रोह केवल सेना के एक छोटे गुट द्वारा किया गया है, जिसे अन्य सुरक्षा बलों ने जल्दी ही नियंत्रित कर लिया है। आंतरिक एवं सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री लासेन सेइदो ने भी कहा कि तख्तापलट का प्रयास असफल हो चुका है और सरकार का नियंत्रण बरकरार है।
सैन्य प्रतिनिधियों का बयान
इसके विपरीत, सैन्य प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि उन्होंने राष्ट्रपति और सभी सरकारी संस्थानों को भंग करने का निर्णय लिया है। लेफ्टिनेंट कर्नल पास्कल टिग्री को इस सैन्य समिति का प्रमुख नियुक्त किया गया है, जिससे यह संकेत मिलता है कि देश पूर्ण सैन्य शासन की ओर बढ़ रहा है। बेनिन में इससे पहले भी कई बार तख्तापलट हो चुके हैं, विशेषकर 1960 में स्वतंत्रता मिलने के बाद।
पैट्रिस तलोन का राजनीतिक सफर
राष्ट्रपति पैट्रिस तलोन पिछले दस वर्षों से सत्ता में हैं। 67 वर्षीय तलोन, जो व्यापार की दुनिया में 'कॉटन किंग' के नाम से जाने जाते हैं, ने 2016 में सत्ता में आने के बाद कई विकास परियोजनाओं के लिए प्रशंसा प्राप्त की। हालांकि, विपक्ष उन्हें अत्यधिक सत्ता-केंद्रित और अलोकतांत्रिक बताता रहा है। उनका दूसरा कार्यकाल 2026 में समाप्त होना था।
राजनीतिक अस्थिरता का बढ़ता खतरा
हाल ही में, तलोन के दो करीबी सहयोगियों को तख्तापलट की साजिश के मामले में 20 साल की सजा सुनाई गई थी। इसके अलावा, संसद ने राष्ट्रपति के कार्यकाल को 5 साल से बढ़ाकर 7 साल करने का विवादित निर्णय लिया, जिसने देश की राजनीति में और अधिक उथल-पुथल पैदा कर दी। अब रविवार की यह घटना बेनिन के भविष्य को नई अनिश्चितता की ओर धकेलती दिख रही है।
