ब्रिटिश राजकुमार एंड्रयू का थाईलैंड दौरा: विवादास्पद खुलासे
ब्रिटेन के शाही इतिहासकार का चौंकाने वाला खुलासा
नई दिल्ली: ब्रिटेन के शाही इतिहासकार एंड्रयू लोनी ने हाल ही में एक विवादास्पद खुलासा किया है। उनके अनुसार, राजकुमार एंड्रयू ने थाईलैंड की आधिकारिक यात्रा के दौरान करदाताओं के पैसे से चार दिनों में 40 वेश्याओं को बुलवाया। यह यात्रा राजा के जन्मदिन के अवसर पर आयोजित की गई थी, लेकिन एंड्रयू ने इसे अपनी निजी मौज-मस्ती में बदल दिया।
राजकुमार की नैतिकता पर सवाल
लोनी का कहना है कि एंड्रयू ने नैतिकता की सभी सीमाएं पार कर दीं और राजनयिकों की सहायता से यह सब किया। उनके इस खुलासे के बाद ब्रिटिश शाही परिवार एक बार फिर विवादों में घिर गया है। लोनी ने डेली मेल के पॉडकास्ट में प्रिंस एंड्रयू के अतीत के काले कारनामों का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि थाईलैंड में राजा के जन्मदिन समारोह को एंड्रयू ने सेक्स स्कैंडल में बदल दिया।
फाइव स्टार होटल का चयन
लोनी ने बताया कि एंड्रयू ने ब्रिटेन के व्यापार दूत की भूमिका का दुरुपयोग किया। वे आधिकारिक यात्राओं को निजी छुट्टियों में बदलकर महिलाओं का पीछा करते थे। थाईलैंड में दूतावास की बजाय उन्होंने फाइव स्टार होटल को चुना और चार दिनों में 40 वेश्याओं को बुलवाया। उन्होंने कहा कि 41 साल की उम्र में एंड्रयू ने करदाताओं के पैसे का दुरुपयोग करते हुए दो हफ्ते का निजी समय मांगा। लोनी ने इसे एक शानदार पतन करार दिया।
एंड्रयू की उपाधियों का हनन
जनवरी 2022 में वर्जीनिया गिफ्रे के यौन उत्पीड़न मुकदमे के बाद एंड्रयू की सैन्य उपाधियां और शाही संरक्षण छीन लिए गए थे। जेफरी एपस्टीन के साथ उनके संबंधों ने उनकी छवि को बुरी तरह प्रभावित किया। हाल ही में राजा चार्ल्स ने बाकी उपाधियां भी वापस ले लीं और उन्हें रॉयल लॉज से बेदखल कर दिया। गिफ्रे के संस्मरण में नए खुलासों ने जनाक्रोश को भड़का दिया है।
शाही परिवार की साख पर असर
लोनी ने कहा कि एंड्रयू ने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया। सैंड्रिंघम के निवासियों ने उनकी कड़ी निंदा की है। एक स्थानीय निवासी ने कहा कि वह एक भयानक व्यक्ति हैं और हम उन्हें यहां नहीं चाहते। लोनी ने ब्रिटिश राजनयिकों पर भी सवाल उठाया कि उन्होंने इन घटनाओं को रोकने के बजाय होने दिया। एंड्रयू की यौन-प्रेरित यात्राएं और निजी लाभ की भूख ने शाही परिवार की साख को गंभीर धक्का पहुंचाया है। यह स्कैंडल ब्रिटेन में नई बहस को जन्म दे रहा है।
