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भारत के निर्यात में गिरावट: अमेरिका के 50% टैरिफ का असर

भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव के चलते भारतीय निर्यात में गिरावट आ रही है। अमेरिका द्वारा लगाए गए 50% आयात शुल्क के कारण भारतीय वस्तुओं की मांग में कमी आई है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह टैरिफ जारी रहा, तो भारत को अमेरिकी बाजार में 30-35 अरब डॉलर तक का नुकसान हो सकता है। जानें इस स्थिति के पीछे के कारण और इसके संभावित आर्थिक प्रभाव।
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भारत के निर्यात में गिरावट: अमेरिका के 50% टैरिफ का असर

भारतीय निर्यात में गिरावट का कारण

भारतीय निर्यात में निरंतर कमी: भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव अब स्पष्ट रूप से सामने आ रहा है। अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत आयात शुल्क (टैरिफ) के चलते भारतीय निर्यात में लगातार गिरावट देखी जा रही है। मई 2025 से अमेरिका को भारतीय वस्तुओं की शिपमेंट में कमी आनी शुरू हुई थी, और अगस्त में यह गिरावट अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिकी बाजार में भारतीय उत्पादों की कीमतें टैरिफ के कारण बढ़ गई हैं, जिससे उनकी मांग में कमी आई है और अमेरिकी खरीदार अब सस्ते विकल्पों की तलाश कर रहे हैं।


टैरिफ का प्रभाव

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए उच्च शुल्क के कारण अमेरिका में घरेलू उत्पाद सस्ते हो गए हैं जबकि भारतीय उत्पाद महंगे हो गए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि अगस्त 2025 में भारत का अमेरिकी निर्यात घटकर 6.7 अरब डॉलर रह गया, जो जुलाई के मुकाबले 16.3% कम है। जुलाई में भी यह जून की तुलना में 3.6% घटकर 8 अरब डॉलर रहा था। जून में मई की तुलना में 5.7% की कमी आई थी। मई 2025 आखिरी महीना था जब निर्यात में वृद्धि देखी गई थी, उस समय यह अप्रैल के मुकाबले 4.8% बढ़कर 8.8 अरब डॉलर तक पहुंच गया था। इसके बाद निर्यात में लगातार गिरावट जारी है।


अमेरिका द्वारा 50% टैरिफ

अमेरिका द्वारा 50% टैरिफ

अमेरिका ने 7 अगस्त को भारत पर 25% टैरिफ लगाया था, जिसे 27 अगस्त से बढ़ाकर 50% कर दिया गया। अमेरिका का आरोप है कि भारत रूस से तेल खरीदकर अप्रत्यक्ष रूप से रूस को युद्ध में सहायता कर रहा है, इसलिए उसने दंडस्वरूप अतिरिक्त शुल्क लगाया। भारत ने इस आरोप को पूरी तरह से खारिज किया है और इसे अनुचित बताया है।


आर्थिक चुनौतियाँ

यह स्थिति भारत के लिए एक गंभीर आर्थिक चुनौती बनती जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, फार्मास्यूटिकल्स और स्मार्टफोन जैसे क्षेत्रों पर अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव कम है, लेकिन टेक्सटाइल, ज्वेलरी, चमड़ा, झींगा और कालीन जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों पर इसका सीधा असर पड़ रहा है। इन क्षेत्रों का 30 से 60% तक निर्यात अमेरिका को जाता है, इसलिए मांग में कमी से इन क्षेत्रों को बड़ा संकट सामना करना पड़ सकता है।


भविष्य में संभावित नुकसान

यदि 50% टैरिफ वित्त वर्ष 2026 तक जारी रहा तो क्या होगा?

GTRI का अनुमान है कि यदि 50% टैरिफ वित्त वर्ष 2026 तक लागू रहा, तो भारत को अमेरिकी बाजार में 30-35 अरब डॉलर तक का निर्यात नुकसान हो सकता है। भारत के कुल माल निर्यात का लगभग 20% हिस्सा अमेरिका को जाता है, इसलिए यह भारत की अर्थव्यवस्था और विदेशी व्यापार के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है।