सूडान में निहत्थे लोगों पर हमले की गंभीर घटना, मानवाधिकार संगठनों की चेतावनी सही साबित
सूडान में अल-फशीर के पास हुई बर्बरता
नई दिल्ली: सूडान के अल-फशीर क्षेत्र में रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) के सदस्यों ने सैकड़ों निहत्थे नागरिकों को घेरकर उन पर गोलियां चलाईं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ऊंटों पर सवार हमलावरों ने पुरुषों को महिलाओं से अलग किया और जलाशय के निकट ले जाकर उनकी हत्या कर दी। संयुक्त राष्ट्र ने इस घटना को युद्ध अपराध करार दिया है। हालांकि, RSF ने इन आरोपों को खारिज किया है, लेकिन वीडियो सबूत सामने आए हैं।
सूडान में चल रहे गृहयुद्ध ने एक बार फिर मानवता को शर्मसार किया है। अल-फशीर के निकट हाल ही में हुई इस घटना ने सभ्य समाज के लिए एक कलंक साबित किया है। निहत्थे लोग, जो केवल अपनी जान बचाने की कोशिश कर रहे थे, उन्हें नस्लीय गालियों के साथ मार दिया गया।
मानवाधिकार संगठनों की चेतावनी
मानवाधिकार संगठनों ने पहले ही चेतावनी दी थी कि यदि RSF ने अल-फशीर पर नियंत्रण किया, तो नस्लीय आधार पर हत्याएं होंगी। संयुक्त राष्ट्र ने शुक्रवार को बताया कि सैकड़ों नागरिक और निहत्थे लड़ाके मारे गए हैं। विशेषज्ञ इसे डारफुर के इतिहास की पुनरावृत्ति मानते हैं, जहां पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं।
RSF ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है। संगठन का कहना है कि यह दुष्प्रचार है और उनके विरोधी इसे बढ़ावा दे रहे हैं। अल-फशीर पर कब्जा उनके लिए एक रणनीतिक जीत है। मीडिया रिपोर्ट्स में तीन वीडियो सत्यापित किए गए हैं, जिनमें RSF के लोग कैदियों को गोली मारते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा, दर्जनों शवों के वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं।
RSF की प्रतिक्रिया
RSF के एक वरिष्ठ कमांडर ने कहा कि सेना अपनी हार को छिपाने के लिए झूठ फैला रही है और मीडिया इस मामले को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि कुछ सैनिक नागरिक बनकर भाग रहे थे, इसलिए पूछताछ की गई। नेतृत्व ने उल्लंघनों की जांच के आदेश दिए हैं और कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। उन्होंने कहा कि कोई सुनियोजित हत्या नहीं हुई। चश्मदीद अलखैर इस्माइल ने बताया कि हमलावरों ने उन्हें स्कूल के दोस्त की वजह से छोड़ दिया, जबकि अन्य को मार दिया गया। वे अपने रिश्तेदारों के पास खाना लेकर जा रहे थे। चार गवाहों ने एक ही कहानी दोहराई है। राहतकर्मियों का कहना है कि स्थिति बेहद गंभीर है। हजारों लोग अब भी फंसे हुए हैं और मदद का इंतजार कर रहे हैं।
