भगवान विष्णु और तुलसी माता का पवित्र विवाह, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष द्वादशी को।
23 नवंबर की शाम 9 बजकर 1 मिनट से 24 नवंबर की शाम 7 बजकर 1 मिनट तक।
भगवान विष्णु को तुलसी माता की पूजा से प्रसन्नता मिलती है।
तुलसी माता की पूजा से कुंडली में गुरू मजबूत होते हैं।
विवाह में आ रही बाधाएं दूर करने के लिए तुलसी माता की पूजा।
अशुभ ग्रहों का प्रभाव नष्ट करने के लिए तुलसी माता की पूजा।
माता तुलसी को जल में हल्दी मिलाकर अर्पित करें और मंत्र जाप करें।