पाचन और ठंडक का स्रोत।
अंदर से शीतलता प्रदान करें।
पोषण और ठंडक की फुलवारी।
डिटॉक्स करे और हाइड्रेट रखे।
सावधानी बरतें।
पानी का सेवन बढ़ाएं।
स्किन की देखभाल करें।