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ओडिशा में होम गार्ड परीक्षा: 8,000 अभ्यर्थियों की भीड़ ने बढ़ाई राजनीतिक बहस

ओडिशा में होम गार्ड भर्ती परीक्षा ने एक असामान्य दृश्य प्रस्तुत किया, जिसमें 8,000 से अधिक उम्मीदवारों ने केवल 187 पदों के लिए परीक्षा दी। इस घटना ने राजनीतिक बहस को जन्म दिया है, खासकर तृणमूल कांग्रेस द्वारा भाजपा पर किए गए हमलों के बाद। जानें इस परीक्षा की प्रक्रिया और इसके पीछे की कहानी।
 

असामान्य परीक्षा का दृश्य


ओडिशा में हाल ही में हुई एक अनोखी घटना ने सबका ध्यान खींचा है। राज्य में होम गार्ड भर्ती परीक्षा के लिए 8,000 से अधिक उम्मीदवारों ने भाग लिया, जबकि केवल 200 से कम पद उपलब्ध थे। इस विशाल संख्या को समायोजित करने के लिए संबलपुर की एक हवाई पट्टी को परीक्षा केंद्र के रूप में चुना गया। परीक्षा देते हुए उम्मीदवारों के वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गईं।


परीक्षा की तिथि और विवरण

यह लिखित परीक्षा 16 दिसंबर को आयोजित की गई थी। 187 होम गार्ड पदों के लिए हजारों युवाओं ने आवेदन किया, जिनमें कई उच्च शिक्षित उम्मीदवार भी शामिल थे। रिपोर्टों के अनुसार, कुछ अभ्यर्थियों के पास एमबीए और एमसीए जैसी पेशेवर डिग्रियां थीं। ओडिशा में होम गार्ड के चयनित उम्मीदवारों को प्रतिदिन 639 रुपये का मानदेय मिलता है।


राजनीतिक प्रतिक्रिया



इस घटना ने राजनीतिक बहस को भी जन्म दिया है। जैसे ही परीक्षा से संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर आए, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने ओडिशा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर हमला किया। टीएमसी ने कहा कि यह किसी फिल्म का दृश्य नहीं है, बल्कि भाजपा शासित राज्य की वास्तविकता है, जहां हजारों शिक्षित युवा कुछ ही पदों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।


परीक्षा की प्रक्रिया

एक अधिकारी के अनुसार, कई उम्मीदवार सुबह छह बजे ही परीक्षा केंद्र पर पहुंच गए थे, लेकिन प्रश्न पत्र उन्हें सुबह नौ बजे दिए गए। लिखित परीक्षा की अवधि एक घंटे थी, जिसमें 20 अंकों का अनुच्छेद लेखन और 30 अंकों का सामान्य ज्ञान से संबंधित प्रश्न शामिल थे।


इस पूरे मामले पर ओडिशा भाजपा की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह घटना राज्य में रोजगार की स्थिति और भर्ती प्रक्रियाओं पर चर्चा को और बढ़ा रही है।