कांग्रेस की आंतरिक कलह: पटना एयरपोर्ट पर कार्यकर्ताओं का हंगामा
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों में कांग्रेस की मुश्किलें
Bihar Assembly Elections 2025: बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों के बीच कांग्रेस पार्टी के भीतर की कलह खुलकर सामने आ गई है। चुनावी माहौल में एकजुटता का दावा करने वाली कांग्रेस अब अपने ही कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना कर रही है। बुधवार को पटना एयरपोर्ट पर जो दृश्य देखने को मिला, उसने संगठन की आंतरिक स्थिति को उजागर कर दिया।
पटना एयरपोर्ट पर कार्यकर्ताओं का आक्रोश
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के पटना पहुंचते ही कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा। विक्रम विधानसभा सीट को लेकर टिकट बिक्री के आरोपों से नाराज कार्यकर्ताओं ने एयरपोर्ट पर हंगामा करते हुए नेताओं को घेर लिया। विरोध इतना बढ़ गया कि स्थिति हाथापाई तक पहुंच गई और नेताओं को सुरक्षा घेरे में वहां से निकालना पड़ा।
हाथापाई की स्थिति
जब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, पार्टी के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु और विधायक दल के नेता शकील अहमद खान दिल्ली से पटना पहुंचे, तो एयरपोर्ट पर पहले से मौजूद नाराज कार्यकर्ताओं ने तीनों नेताओं का घेराव कर लिया। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि विक्रम विधानसभा सीट को 5 करोड़ रुपये में बेचा गया है। इसके खिलाफ नारेबाजी करते हुए उन्होंने नेताओं की गाड़ियों को रोक दिया और जमकर हंगामा किया।
विरोध के बीच जब नेताओं के समर्थकों ने नाराज कार्यकर्ताओं को शांत करने की कोशिश की, तो दोनों पक्षों में तीखी बहस शुरू हो गई। देखते ही देखते यह विवाद मारपीट में बदल गया। लात-घूंसे चलने लगे और अफरा-तफरी मच गई। इस दौरान शकील अहमद खान की गाड़ी का साइड मिरर टूट गया। भारी तनाव के बीच किसी तरह से नेताओं को वहां से सुरक्षित निकाला गया।
विवाद की जड़
नाराज कार्यकर्ताओं का स्पष्ट कहना है कि विक्रम सीट को 5 करोड़ रुपये में सौंपा गया है और यह कांग्रेस नेतृत्व की नीतियों के खिलाफ है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और प्रभारी कृष्णा अल्लावरु सीट बेचने के जिम्मेदार हैं। इस घटनाक्रम ने बिहार कांग्रेस में टिकट वितरण की पारदर्शिता पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
पटना एयरपोर्ट की इस घटना के कई वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। वीडियो में गुस्साए कार्यकर्ता साफ तौर पर पार्टी नेताओं के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आ रहे हैं और विक्रम सीट को लेकर लगाए गए गंभीर आरोपों को दोहरा रहे हैं।
कांग्रेस की चुनौतियाँ
चुनाव से ठीक पहले इस तरह की घटना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका मानी जा रही है। जहां एक ओर पार्टी अन्य दलों के खिलाफ चुनावी रणनीति बनाने में जुटी है, वहीं आंतरिक असंतोष और टिकट को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप उसकी साख को गहरा नुकसान पहुंचा सकते हैं।