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क्या है अमृत भारत एक्सप्रेस का ये हैरान कर देने वाला वीडियो? जानिए पूरी कहानी

सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में अमृत भारत एक्सप्रेस के कर्मचारी को गंदे डिस्पोजेबल बर्तनों को धोते हुए देखा गया है। यात्री रवि द्विवेदी ने इस मामले को उजागर किया, जिसमें कर्मचारी ने बताया कि ये बर्तन आधे दाम में वापस दे दिए जाते हैं। जब रवि ने वीडियो बनाया, तो कर्मचारी ने उसे धमकी दी। इस घटना ने रेलवे की खानपान व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं और अब रेलवे मंत्री ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है।
 

अमृत भारत एक्सप्रेस का चौंकाने वाला वीडियो


Indian Railway News: सोशल मीडिया पर अक्सर ऐसे वीडियो वायरल होते हैं जो लोगों को चौंका देते हैं। हाल ही में एक ऐसा ही वीडियो सामने आया है, जिसमें अमृत भारत एक्सप्रेस के एक कर्मचारी को गंदे डिस्पोजेबल बर्तनों को धोते हुए देखा जा सकता है।


वीडियो में क्या हुआ?

इस वायरल क्लिप में एक यात्री ने पेंट्री के कर्मचारी से पूछा कि वह क्या कर रहा है। कर्मचारी ने जवाब दिया कि ये डिस्पोजल आधे दाम में वापस दे दिए जाते हैं, इसलिए उन्हें धोकर फिर से इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन जैसे ही उसे पता चला कि उसका वीडियो बनाया जा रहा है, उसने यात्री को वीडियो न बनाने की धमकी दी।


यात्री ने खोली रेलवे की पोल

अगर आप ट्रेन में सफर करते हैं और ट्रेन के खाने पर भरोसा करते हैं, तो यह वीडियो आपको झकझोर देगा। इस वीडियो को रवि द्विवेदी नामक यात्री ने बनाया, जो कटनी से सतना के लिए यात्रा कर रहा था। उन्होंने देखा कि पेंट्री में एक कर्मचारी डस्टबिन से गंदे डिस्पोजेबल बर्तनों को निकालकर धो रहा था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उन्हें फिर से यात्रियों को परोसा जाएगा।


कर्मचारी की धमकी

वीडियो में यह भी दिख रहा है कि कर्मचारी ने यात्रियों को दोबारा से गंदे डिस्पोजेबल बर्तनों का खाना परोसने की तैयारी कर रखी थी। जब रवि ने इस बारे में पूछा, तो कर्मचारी ने कहा कि ये डिस्पोजल आधे दाम में वापस हो जाते हैं। लेकिन जब उसे वीडियो का एहसास हुआ, तो उसने रवि को धमकी दी कि वह वीडियो बनाना बंद कर दे।


रेल मंत्री तक पहुंची शिकायत

रवि ने यह वीडियो अपने सामाजिक कार्यकर्ता मित्र पंकज शुक्ला को भेजा, जिन्होंने इसे सोशल मीडिया पर साझा किया और रेल मंत्रालय को टैग किया। वीडियो वायरल होने के बाद रेलवे मंत्री ने पंकज को फोन किया और मामले की जानकारी मांगी। पंकज ने बताया कि रवि को पैंट्री के ठेकेदार का फोन आया था, जिसमें उसने शिकायत वापस लेने के लिए 25,000 रुपये की पेशकश की, लेकिन रवि ने इसे ठुकरा दिया। अब यह देखना होगा कि रेलवे प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है।