छत्तीसगढ़ में बुजुर्ग महिला का दर्द: पीपल के पेड़ के कटने पर गांव में मचा हंगामा
दिल को छू लेने वाली घटना
Chhattisgarh Viral News: राजनांदगांव जिले के एक गांव में एक बुजुर्ग महिला अपने द्वारा 20 साल पहले लगाए गए पीपल के पेड़ के कटने से बेहद दुखी हो गईं। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में वह पेड़ के कटे हुए ठूंठ को पकड़कर रोती नजर आ रही हैं। गांव के लोग भी इस दृश्य को देखकर भावुक हो गए। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पेड़ केवल एक वृक्ष नहीं, बल्कि गांव की आस्था का प्रतीक था। महिला इसे अपने बेटे की तरह मानती थीं। यह पेड़ सार्वजनिक भूमि पर था, लेकिन भूमाफिया की साजिश के चलते इसे काट दिया गया, जिससे गांव में आक्रोश फैल गया है।
पबरा मामला क्या है?
यह घटना सर्रागोंदी गांव की है, जहां पीड़ित महिला ने 20 साल पहले यह पीपल का पेड़ लगाया था। वह प्रतिदिन इसकी पूजा करती थीं और इसे अपनी आस्था का हिस्सा मानती थीं। जब पेड़ काटा गया, तो महिला सदमे में आ गईं और रोते हुए उसके ठूंठ से लिपट गईं। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया है, जिससे लोगों में भारी नाराजगी देखी जा रही है।
पेड़ कटने का कारण
गांववालों का आरोप है कि यह पेड़ सरकारी जमीन पर था, लेकिन एक स्थानीय भू-माफिया इमरान मेमन ने अपने साथी प्रकाश कोसरे के साथ मिलकर इसे कटवाने की योजना बनाई। आरोपियों ने पेड़ काटने के लिए मशीन का इस्तेमाल किया और बाद में साक्ष्य मिटाने के लिए मशीन को नदी में फेंक दिया।
मामला दर्ज और गिरफ्तारी
गांव के पूर्व सरपंच संजय सिंह और ग्रामीण नेता सुरेश कुमार तिवारी के नेतृत्व में ग्रामीणों ने खैरागढ़ थाने में शिकायत दर्ज करवाई। ग्रामवासी प्रमोद पटेल की तहरीर पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 298 और 3(5) के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस पूछताछ में इमरान मेमन ने पेड़ काटने की बात स्वीकार की और बताया कि वह अपने खरीदे प्लॉट के सामने की सरकारी जमीन को समतल करना चाहता था। उसने प्रकाश कोसरे की मदद से पेड़ कटवाया और मौके से फरार हो गया।
पुलिस का बयान
पुलिस ने बताया कि आरोपी पेड़ काटने की मशीन को साक्ष्य मिटाने के लिए खैरागढ़ के पास नदी में फेंककर भाग गए थे। पुलिस अब गोताखोरों की मदद से नदी में सर्च ऑपरेशन चला रही है। आरोपी की स्कूटर को जब्त कर लिया गया है और उन पर सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान के तहत भी धाराएं जोड़ी गई हैं। दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
लोगों की भावनाएं
गांव के लोगों ने इस घटना को अपनी भावनाओं पर चोट बताया है। गांव के एक वरिष्ठ निवासी सुरेश कुमार तिवारी ने कहा कि वो पेड़ उनके लिए बेटे जैसा था। जब वह महिला रोई, तो गांव का हर दिल रो पड़ा। पूर्व सरपंच संजय सिंह ने कहा कि यह केवल एक पेड़ नहीं था, बल्कि गांव की श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक था। इसे काटना हमारे लिए भावनात्मक आघात से कम नहीं है।
नया पीपल का पौधा
घटना के बाद ग्रामीणों ने एकजुट होकर उसी स्थान पर नया पीपल का पौधा लगाया है और संकल्प लिया है कि वे इस पेड़ की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। सबसे पहले उसी बुजुर्ग महिला ने पौधे की पूजा की, जिन्होंने पहले पेड़ को 20 वर्षों तक संजोकर रखा था।