पाकिस्तान में दुल्हन बाजार: आर्थिक संकट के चलते बेटियों की बिक्री का भयावह सच
पाकिस्तान की दयनीय आर्थिक स्थिति
नई दिल्ली: पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि यह अब चीन के भारी कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। इस देश ने ग्वादर पोर्ट जैसी महत्वपूर्ण जगहों पर चीन का नियंत्रण स्वीकार कर लिया है, और अब एक और चिंताजनक सच सामने आया है। गरीब परिवार अपनी बेटियों को महज 700 डॉलर (लगभग 2 लाख पाकिस्तानी रुपये) में चीनी पुरुषों को दुल्हन बनाकर बेच रहे हैं।
बेटियों की बिक्री का कारण
मानवाधिकार संगठनों के अनुसार, यह समस्या केवल एक क्षेत्र तक सीमित नहीं है। चीन-पाकिस्तान सीमा के निकट स्थित बस्तियों में गरीबी और लिंग असमानता के कारण कई परिवार अपनी नाबालिग बेटियों को तथाकथित शादी के नाम पर बेचने को मजबूर हैं।
इन परिवारों का कहना है कि पाकिस्तान में बिगड़ती आर्थिक स्थिति और बेरोजगारी ने उन्हें इस कदम के लिए मजबूर किया है। गरीब गांवों में रहने वाले लोग अपनी बेटियों को शादी के बहाने बेच देते हैं ताकि कुछ पैसे मिल सकें।
दुल्हन बाजार का विस्तार
पाकिस्तान का 'ब्राइड मार्केट'
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस 'दुल्हन बाजार' का कोई निश्चित स्थान नहीं है, लेकिन यह प्रथा पाकिस्तान और चीन की सीमाओं के निकट तेजी से फैल रही है। यहां पाकिस्तानी और चीनी दलाल गरीब परिवारों से 700 से 3,200 डॉलर (लगभग 2 से 9 लाख पाकिस्तानी रुपये) में लड़कियों को खरीदते हैं। लड़कियों की कीमत उनकी उम्र और सुंदरता पर निर्भर करती है।
मानव तस्करी का नेटवर्क
शादी या मानव तस्करी?
इन लड़कियों को 'शादी' के नाम पर चीन भेजा जाता है, लेकिन वहां उनका जीवन बेहद कठिन हो जाता है। कई मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि ये शादियां असल में सेक्स और मानव तस्करी का कारोबार हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह नेटवर्क संगठित तरीके से काम करता है, जिसमें पाकिस्तानी और चीनी नागरिक शामिल होते हैं। नकली पासपोर्ट और वीजा तैयार कर इन लड़कियों को चीन भेजा जाता है।
लिंग असंतुलन का प्रभाव
विशेषज्ञों का मानना है कि यह धंधा चीन में बढ़ते लिंग असंतुलन का परिणाम है, जहां वन-चाइल्ड पॉलिसी के कारण अब लगभग 3.5 करोड़ अतिरिक्त पुरुष हैं, जिन्हें पत्नी की तलाश है। यह असंतुलन पाकिस्तान जैसी गरीब सीमावर्ती जगहों में मानव तस्करी के इस बाजार को बढ़ावा दे रहा है।